यूक्रेन पर रूसी हमले का एक साल पूरा हो चुका है। पिछले साल 24 फरवरी को ही रूस ने हफ्तों की धमकी और तैयारियों के बाद आखिरकार कीव पर हमला किया था। इस हमले ने पूरी दुनिया की कमोडिटी सप्लाई चेन पर गहरी चोट की। तमाम कमोडिटी की कीमतों में वैश्विक स्तर पर बढ़ोतरी हुई। खाद, खाद्य पदार्थ और तेल एवं गैस के दामों में भी बढ़ोतरी हुई। वहीं सप्लाई चेन में आई मुश्किलों के कारण मालभाड़ा बढ़ा, कंटेनरों की उपलब्धता कम हुई और वेयरहाउसिंग स्पेस भी घटा। यूरोप में प्राकृतिक गैस की कीमत लड़ाई शुरू होने के शुरुआती 6 महीनों में 120-130% तक बढ़ गई जबकि इसी दौरान कोयले की कीमतों में 95-97% की वृद्धि दर्ज हुई। रूस पूरी दुनिया में सोयाबीन, कॉर्न और कच्चे तेल का प्रमुख उत्पादक है और युद्ध शुरू होने के बाद से ही लगातार इन तीनों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।