Shivaji Maharaj Statue Collapse Row: महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के बाद राज्य में राजनीतिक घमासान जारी है। इस बीच, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में अगर 'स्टेनलेस स्टील' का इस्तेमाल किया गया होता तो वह नहीं गिरती। केंद्रीय मंत्री ने तटीय क्षेत्रों में निर्माण कार्य के लिए रस्ट-रेसिस्टेंट मटेरियल के उपयोग पर भी जोर दिया। मराठा राज्य के प्रतिष्ठित संस्थापक शिवाजी महाराज की प्रतिमा के 26 अगस्त को ढ़ह जाने से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
फिक्की (FICCI) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, "समुद्र के करीब बने पुलों के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता, तो यह कभी नहीं गिरती।" सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि वह पिछले तीन सालों से इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि समुद्र से सटे पुलों के निर्माण में 'स्टेनलेस स्टील' का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
निर्माण सामग्री के साथ पिछले अनुभवों पर निराशा व्यक्त करते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने तटीय क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील के लिए जोर दिया था। लेकिन उनकी पिछली परियोजनाओं में हमेशा इस सिफारिश का पालन नहीं किया गया। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय राजधानी में फ्लाईओवर के निर्माण को अंजाम देते समय उन्हें "मूर्ख" बनाया गया था।
गडकरी ने कहा, "जब मैं मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण को अंजाम दे रहा था (महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में), तो एक व्यक्ति ने मुझे बेवकूफ बनाया। उसने लोहे की छड़ों पर कुछ पाउडर कोटिंग लगाई और कहा कि वे जंग-रोधी हैं। लेकिन जंग लग रही थी। मेरा मानना है कि स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल समुद्र से 30 किलोमीटर के भीतर किया जाना चाहिए।"
महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री के तौर पर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह मुंबई में 55 फ्लाईओवर बनवा रहे थे और एक व्यक्ति ने उन्हें बेवकूफ बनाया। उन्होंने कार्यक्रम में कहा, "उन्होंने लोहे की छड़ों पर कोई 'पाउडर कोटिंग' लगाई और कहा कि वे जंगरोधी हैं। लेकिन उनमें जंग लग गई। मेरा मानना है कि समुद्र के 30 किलोमीटर के दायरे में 'स्टेनलेस स्टील' का इस्तेमाल ही किया जाना चाहिए।"
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में पुलिस ने राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के सिलसिले में ठेकेदार जयदीप आप्टे के खिलाफ 'लुकआउट सर्कुलर' जारी किया है। आप्टे को देश से भागने से रोकने के लिए हवाई अड्डों और अन्य सभी निकास मार्गों पर एलओसी जारी किया गया है। ठाणे के रहने वाले मूर्तिकार आप्टे ने मूर्ति बनाने का ठेका लिया था।
पीटीआई के मुताबिक, इस प्रतिमा के गिरने के बाद मालवण पुलिस ने आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किये जाने के बाद नौ माह से भी कम समय में यह प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया। जबकि आप्टे की तलाश की जा रही है। अब मालवण पुलिस ने उसके खिलाफ एलओसी जारी किया है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मालवन तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा शिवाजी की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ महीने पहले दिसंबर में सिंधुदुर्ग जिले में नौसेना दिवस के अवसर पर शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा का उद्देश्य समुद्री रक्षा के प्रति छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करना था। प्रधानमंत्री मोदी को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने को लेकर भारत के इस वीर सपूत के साथ ही इस घटना से आहत लोगों से भी माफी मांगनी पड़ी।