Russia-Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना की तरफ से लड़ रहे 12 भारतीय की मौत, 16 लापता
Russia-Ukraine War: भारत सरकार ने शुक्रवार (17 जनवरी) को बताया कि रूस के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना में सेवारत 12 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। वहीं, रूसी सेना में भर्ती हुए कम से कम 16 अन्य लोग लापता हैं। यह बयान भारत भारत द्वारा रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द छुट्टी के लिए नए सिरे से अपील के बाद आया है
Russia-Ukraine War: विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार (17 जनवरी) को कहा कि यूक्रेन में रूसी सेना द्वारा तैनात 12 भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं
Indians Killed in Russia-Ukraine War: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (17 जनवरी) को बताया कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए रूसी सेना में तैनात कम से कम 16 भारतीय नागरिक लापता हैं। जबकि इस युद्ध में अब तक 12 भारतीयों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन युद्ध में रूस के लिए लड़ रहे भारतीय नागरिकों की स्थिति भारत के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है। यह बयान भारत भारत द्वारा यूक्रेन में केरल के एक व्यक्ति की मौत के बाद रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द छुट्टी के लिए नए सिरे से अपील के बाद आया है। फरवरी 2024 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से हजारों विदेशी नागरिकों को इस युद्ध में लड़ने के लिए भर्ती किया गया है। इनमें कई भारतीय भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "आज तक 126 मामले (रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों के बारे में) सामने आए हैं। इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं। उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है।" उन्होंने आगे कहा, "रूसी सेना में अभी भी 18 भारतीय नागरिक बचे हैं। उनमें से 16 लोगों का पता नहीं चल पाया है।"
जायसवाल ने कहा कि रूस ने 16 भारतीय नागरिकों को "लापता" माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बचे हुए लोगों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग कर रहा है। उन्होंने मृतकों की पुष्टि करते हुए बताया कि यूक्रेन में रूसी सेना के लिए लड़ते हुए अब तक कम से कम 12 भारतीय नागरिक मारे गए हैं।
विभिन्न अनुमानों के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में 55 से 60,000 विदेशी लड़ाकों को तैनात किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ये लड़ाके भारतीय, नेपाली, घानाई और यमनी जैसी कई अन्य देशों के हैं।
भारत कहता रहा है कि संघर्ष की स्थिति में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती भारत-रूस कूटनीतिक साझेदारी के अनुरूप नहीं है। नई दिल्ली ने ऐसे सभी भारतीय नागरिकों की जल्द छुट्टी देने और वापसी की मांग की है।
पीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को की ऐतिहासिक यात्रा के बाद रूस ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के लिए लड़ रहे सभी भारतीयों को छुट्टी देने और उनकी वापसी में मदद करने का फैसला किया था। यह तब हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन द्वारा आयोजित एक प्राइवेट डिनर में इस मामले को उठाया।
अधिकारियों के अनुसार, कई भारतीयों को अधिक सैलरी वाली नौकरी का झांसा देकर युद्ध में भेजा गया था। ऐसे एजेंट्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। भारत कहता रहा है कि संघर्ष की स्थिति में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती भारत-रूस कूटनीतिक साझेदारी के अनुरूप नहीं है।
केरल के युवक की मौत
रूस में एक भारतीय नागरिक की मौत के बाद भारत ने संघर्ष क्षेत्र में रूसी सेना में काम कर रहे अन्य भारतीयों को जल्द वापस भेजने की अपनी मांग दोहराई। जायसवाल ने कहा, "हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में पता चला है, जिसे जाहिर तौर पर रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था। केरल का एक अन्य भारतीय नागरिक, घायल हो गया है और उसका मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।"
जायसवाल ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास परिवारों के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि मृतक का पार्थिव शरीर भारत लाने के लिए भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, "हमने घायल व्यक्ति को जल्द से जल्द छुट्टी देने और भारत वापस भेजने की भी मांग की है। इस मामले को आज मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ-साथ नई दिल्ली में रूसी दूतावास के समक्ष भी जोरदार तरीके से उठाया गया है। हमने शेष भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द छुट्टी देने की अपनी मांग दोहराई है।"