Agnipath Scheme Row: सेना के तीनों अंगों के प्रमुख आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से अलग-अलग मुलाकात करके उन्हें अग्निपथ योजना और इसके क्रियान्वयन की जानकारी दे सकते हैं। सेना में भर्ती की इस नई योजना के विरोध में कई राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों के बीच यह बैठक हो सकती है।
पीटीआई के अनुसार, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख आज प्रधानमंत्री को अग्निपथ योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न पक्षों की जानकारी दे सकते हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के बीच बैठक के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
आपको बता दें कि अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। एक दिन पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निपथ के पक्ष में बोलते हुए कहा कि कुछ निर्णय "पहले कड़वे लग सकते हैं" लेकिन आने वाले दिनों में फल देंगे।
केंद्र और कई बिजनेस टाइकून ने विवादास्पद योजना का समर्थन किया है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने इस योजना का समर्थन किया है।
इस बीच, भारतीय सेना ने इस साल जुलाई में शुरू होने वाली रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के साथ अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के लिए पहली अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने दावा किया है कि 'अग्निपथ' योजना युवाओं को रक्षा सिस्टम में शामिल होने और देश की सेवा करने का सुनहरा मौका देती है।
अग्निपथ सेना भर्ती योजना के विरोध में कई संगठनों ने सोमवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के सदस्य संगठनों ने इसमें भाग लिया। समिति ने कहा कि देश की बात फॉउंडेशन, छात्र युवा संघर्ष समिति, रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया तथा आम आदमी पार्टी की युवा इकाई ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
संगठन ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपथ योजना से युवाओं को धोखा दिया गया है। सरकार द्वारा सेना को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने की कोशिश की।