महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने एक खुलासा करते हुए बताया कि अगर महिंद्रा स्कॉर्पियो (Mahindra Scorpio) फ्लॉप हुई होती, तो कंपनी का बोर्ड उन्हें नौकरी से निकाल देता। महिंद्रा ने कहा कि स्कॉर्पियो एक "भरोसेमंद योद्धा" है जो हमेशा उनके साथ रहा। उन्होंने कहा कि अगर स्कॉर्पियो फ्लॉप हो जाती तो बोर्ड उन्हें नौकरी से निकाल देता। उन्होंने यह भी कहा कि उनके करियर का श्रेय भी स्कॉर्पियो को जाता है। आनंद महिंद्रा ने ये बातें ऑटोकार इंडिया के होर्मजद सोराबजी के एक ट्वीट के जवाब में कहा।
सोराबजी ने स्कॉर्पियो को लेकर ट्विटर पर लिखा था, "इस SUV गाड़ी को 2002 में लॉन्च किया गया था और इसने अकेले ही महिंद्रा ब्रांड को लेकर धारणा पूरी तरह से बदल दी थी। अब तक इसकी 90 लाख से अधिक गाड़िया बिक चुकी है और यह तेजी से 1 करोड़ के आंकड़े को छूने के करीब है। स्कॉर्पियो एक जबरदस्त ऑटोमोटिव आइकन है और सहीं कहें तो बाजार में इसका कोई सीधा मुकाबला नहीं है।"
आनंद महिंद्रा ने इसी ट्वीट के जवाब में लिखा, "होर्मजद सोराबजी, मुझे यकीन है कि आप भूले नहीं होंगे कि हम इसके प्रोटोटाइप की रोड टेस्टिंग के लिए कैसे नासिक में एक साथ मौजूद थे। हम तब से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं! लेकिन यह भरोसेमंद योद्धा हमेशा हमारे साथ रहा है, हमारे साथ हर जंग में उतरने के लिए तैयार रहता है। अगर यह मॉडल फ्लॉप हुआ जाता तो बोर्ड मुझे नौकरी से निकाल देता। इसलिए मैं अपने करियर का श्रेय इसे ही देता हूं!"
बता दें कि स्कॉर्पियो एक SUV है, जिसे 2002 में महिंद्रा ने लॉन्च किया गया था। यह कंपनी के लिए एक बड़ी सफलता थी, और इसने महिंद्रा को भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की एक प्रमुख कंपनी के रूप में जमाने में मदद की।
महिंद्रा ने कहा कि स्कॉर्पियो महिंद्रा समूह के लिए "एक अहम मुकाम" था। उन्होंने इससे पहले एक बार बताया था कि यह कंपनी की ओर से लॉन्च किया गया पहला प्रोडक्ट था, जो अपने डिजाइन और इंजीनियरिंग में पूरी तरह से "भारतीय" था। महिंद्रा ने बताया था कि स्कॉर्पियो की सफलता महिंद्रा टीम की कड़ी मेहनत के कारण थी। उन्होंने कहा कि टीम ने स्कॉर्पियो के साथ "बहुत सारे जोखिम उठाए", और उन्हें "उनके साहस के लिए उचित पुरस्कार दिया गया।"
आनंद महिंद्रा के ट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं-