Asthma: अस्थमा सांस से जुड़ी बीमारी है। इसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से सांस लेने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दम फूलने की वजह से इसे दमा भी कहते हैं। अगर सांस ठीक से न आए तो जान भी जा सकती है। अस्थमा से दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें आधी रात को अस्थमा का अटैक पड़ता है। रात में अस्थमा अटैक आने के प्रमुख कारकों में सर्कडियन रिदम शामिल है। रात में हार्मोन के लेवल के गिराने की वजह से ऐसा होता है।
अस्थमा का रोग किसी को भी अचानक अपनी चपेट में ले सकता है। जबकि लंबे समय से कुछ लक्षणों के साथ यह अपने आने के संकेत भी दे सकता है। लेकिन लंबे समय से खांसी का बने रहना या सांस लेने में दिक्कत होना इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं। बोलने में समस्या होना और ठीक से नींद ना ले पाना भी अस्थमा के प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर देनी चाहिए।
अस्थमा के अटैक से कैसे बचें?
जानकारों का कहना है कि नियमित तौर पर अपनी दवा लेनी चाहिए। वहीं रात के समय कुछ ऐसे उपाय करना चाहिए। जिससे अस्थमा के अटैक से बच सकते हैं। रात में अस्थमा अटैक से बचने के लिए आपको सबसे पहला काम अपने रूम को साफ रखने का करना है। रोजाना झाडू और पोछा लगाएं। पंखे की ब्लेड और अलमारी के ऊपर भी साफ रखें। गद्दे और तकिए पर कवर को लगाना बेडरूम में धूल के कण को कम करने का सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप साइनस के इन्फेक्शन से पीड़ित हैं तो कभी भी एक सीध में न लेटें। इससे पोस्टनेसल ड्रिप बढ़ सकता है। जो अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है। सोते वक्त अपने सिर को मुलायम तकिए से थोड़ा सा ऊंचा रखना चाहिए।
अस्थमा से बचने के लिए देसी इलाज भी कर सकते हैं। इसके लिए लेमनग्रास काफी फायदेमंद मानी गई है। इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी मौजूद होता है। ये पोषक तत्व वायुमार्गों की सूजन कम करने में कारगर हैं। लेमनग्रास का सेवन अस्थमा के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है।
अजवाइन का इस्तेमाल पकौड़े जैसी डिशेज को बनाने में खूब किया जाता है। इसमें मौजूद गुण अस्थमा के लिए फायदेमंद हैं। अजवाइन को भूनकर खाने से सांस नली की सूजन कम हो जाती है। जिससे अस्थमा में आराम मिलता है।
अदरक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण अस्थमा के लिए बेहद फायदेमंद हैं। अदरक का काढ़ा या चाय जैसी चीजों को सेवन से अस्थमा से बचने में मदद मिलती है।
लहसुन में मौजूद गुण फेफड़ों को मजबूत बनाने के काम आते हैं। लहसुन खाने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है। लहसुन की कच्ची कलियों के सेवन से अस्थमा में आराम मिलता है।