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ओडिशा के मुर्दाघरों में लगा लावारिस शवों का ढ़ेर! शव इतने कि कम पड़ गई जगह, सरकार के सामने नया संकट

Odisha Train Accident: रेलवे बोर्ड ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की है। ये जानकारी रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भुवनेश्वर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों को दी। रेल मंत्री ने कहा कि अब तक जो जानकारी मिली है उसके बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से इस मामले की CBI जांच की सिफारिश की गई है। ओडिशा ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 1,100 से अधिक है

अपडेटेड Jun 04, 2023 पर 8:44 PM
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Odisha Train Accident: ऐसे लावारिस शवों की संख्या इतनी अधिक है कि मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है

Odisha Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) के बाद ओडिशा सरकार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्दाघरों में ऐसे शवों का ढेर लगा है जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है या जिन्हें लेने के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं। ऐसे लावारिस शवों की संख्या इतनी अधिक है कि मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है। बड़ी संख्या में ऐसे शवों से निपटने में असमर्थ ओडिशा सरकार ने बालासोर से 187 शवों को भुवनेश्वर भिजवाया, लेकिन यहां भी जगह की कमी शवगृह प्रशासकों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है।

अधिकारियों ने बताया कि भुवनेश्वर एम्स में 100 शव रखे गए हैं, जबकि बाकी शव कैपिटल अस्पताल, अमरी अस्पताल, सम अस्पताल एवं अन्य निजी अस्पतालों में भेजे गए हैं। भुवनेश्वर एम्स के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि यहां भी शवों को संभालकर रखना हमारे लिए एक असल चुनौती है, क्योंकि हमारे यहां अधिकतम 40 शवों को रखने की सुविधा है।

उन्होंने कहा कि शरीर रचना विभाग में अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। भुवनेश्वर एम्स के प्रशासन ने शवों की पहचान होने तक उन्हें संभालकर रखने के लिए बड़ी संख्या में ताबूत, बर्फ और फार्मलिन रसायन खरीदा है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने शनिवार को दुर्घटनास्थल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान उनके सामने शवों को संभालकर रखने के सिलसिले में उत्पन्न स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट किया।


शवों को संभालकर रखना मुश्किल

अधिकारी ने कहा कि गर्मी के इस मौसम में शवों को संभालकर रखना वाकई मुश्किल है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि दुर्घटनास्थल से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की तथा इन शवों को भुवनेश्वर एम्स में रखवाने का इंतजाम करवाने को कहा। मांडविया तत्काल रात में ही भुवनेश्वर आए और उन्होंने यहां कई बैठकें की।

ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने कहा कि प्रशासन के लिए इन शवों की शिनाख्त एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि दुर्घटना में मारे गये लोग विभिन्न राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि इन यात्रियों का ब्योरा तीन वेबसाइटों विशेष राहत आयुक्त, भुवनेश्वर नगर निगम और ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइटों पर डाल दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि इन मृत यात्रियों की फोटो सहित लिस्ट भी वेबसाइटों पर अपलोड कर दी गई है, ताकि उनकी पहचान करने में सहूलियत हो। मुख्य सचिव ने कहा कि बालासोर रेल हादसे के मृतकों की तस्वीरें केवल उनकी पहचान के लिए डाली गई है, क्योंकि ये तस्वीरें मन विचलित कर देने वाली हैं।

इस बीच भुवनेश्वर नगर निगम के कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। लोग इस कार्यालय से संपर्क कर शवों के बारे में सूचनाएं हासिल कर सकते हैं और उनकी शिनाख्त में मदद कर सकते हैं।

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