Atul Subhash’s Suicide Case: बेंगलुरु पुलिस ने रविवार (15 दिसंबर) को बताया कि एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से तथा निकिता की मां निशा सिंघानिया और उसके भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच, मृतक इंजीनियर के परिवार ने रविवार को अतुल के बेटे के बारे में चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से उसे ढूंढकर उन्हें सौंपने का आग्रह किया। अतुल के पिता पवार कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनका पोता सुरक्षित उनके पास वापस आ जाए।
कुमार ने उनके चार वर्षीय पोते का संरक्षण उन्हें दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, "मेरे बेटे को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा था और उसकी पत्नी उसे अपमानित कर रही थी... मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करता हूं... कृपया हमें न्याय दिलाएं।" कुमार ने उनके चार वर्षीय पोते का संरक्षण उन्हें दिए जाने की मांग की है।
पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "मेरा बेटा अंदर से टूट चुका था... अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया। उसके ‘सुसाइड नोट’ में यह भी लिखा था कि उसके बच्चे के संरक्षण की जिम्मेदारी उसके माता-पिता को दी जानी चाहिए।"
कुमार ने कहा कि सुभाष को अपने बेटे के लिए 40,000 रुपये प्रति माह के भरण-पोषण का आदेश भी दिया गया था। उन्होंने कहा, "उसने (सुभाष की अलग रह रही पत्नी ने) हमारे और मेरे बेटे के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए। मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।"
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सुभाष की पत्नी, सास और साले को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी रहेगी। परमेश्वर ने बेंगलुरू में पत्रकारों से कहा, "उसने (सुभाष ने) लगभग 40 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है और उसने कई मुद्दे उठाए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग है। उसने कहा है कि उस पर तीन करोड़ रुपये और अन्य चीजों के लिए दबाव डाला गया था तथा उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए।"
मंत्री ने कहा कि सुभाष ने पुरुषों के अधिकारों को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है कि क्या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए, क्योंकि महिलाओं के अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "सवाल उठाए जा रहे हैं, देश में चर्चा हो रही हैं। आने वाले दिनों में राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर कानूनों में बदलाव लाने के बारे में संभवत: चर्चा करनी होगी।"
इससे पहले, निकिता, उसकी मां, भाई और चाचा सुशील सिंघानिया ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं। बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार को निकिता सिंघानिया को समन जारी करके तीन दिन में पेश होने के लिए कहा था।