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Bhojshala: ज्ञानवापी की तरह अब धार भोजशाला मंदिर का भी होगा सर्वे, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश

ASI survey of Bhojshala temple: हिंदू समुदाय के लोग भोजशाला को देवी वाघदेवी का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम इसे कमल मौला की मस्जिद मानते हैं। इस मुद्दे पर धार में कई बार तनाव की स्थिति बन चुकी है। खासकर जब बसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ती है

Akhileshअपडेटेड Mar 11, 2024 पर 4:29 PM
Bhojshala: ज्ञानवापी की तरह अब धार भोजशाला मंदिर का भी होगा सर्वे, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश
Bhojshala Temple: इस मुद्दे पर धार में कई बार तनाव की स्थिति बन चुकी है

वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi) के बाद अब मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला मंदिर (Bhojshala Temple) का भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI- Archaeological Survey of India) सर्वे होगा। हिंदू समुदाय के लोग भोजशाला को देवी वाघदेवी का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम इसे कमल मौला की मस्जिद मानते हैं। इस मुद्दे पर धार में कई बार तनाव की स्थिति बन चुकी है। खासकर जब बसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ती है। क्योंकि मुस्लिम भोजशाला में नमाज अदा करते हैं और हिंदू नमाज अदा करने के लिए कतार में खड़े होते हैं।

पिछले साल सितंबर में प्राचीन इमारत के अंदर वाघदेवी (मां सरस्वती) की मूर्ति रखे जाने के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी। बाद में पुलिस ने मूर्ति को हटा दिया था। न्यूज 18 के मुताबिक, इस मामले में सामाजिक संगठन 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने इसके लिए ASI को 5 सदस्यीय कमिटी गठन करने के आदेश दिए हैं।

क्या है मंदिर का इतिहास?

भोजशाला को मां सरस्वती देवी का मंदिर भी कहा जाता है। वेबसाइट के मुताबिक,इस मंदिर को बाद में मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया। इसके अवशेष अभी भी प्रसिद्ध कमाल मौलाना मस्जिद में देखे जा सकते हैं। याचिका दायर कर यहां पर सरस्वती देवी की प्रतिमा स्थापित करने और पूरे भोजशाला परिसर की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी करवाने की मांग की गई है।

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