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बिहार के इस भिखारी ने कर दिया कमाल, भीख मांगकर चलवा दिए ऑटो

देश के लगभग हर चौराहे और रोड पर आपको भीख मांगते कई भिखारी नजर आ जाएंगे। बहुत से लोग इन्हें 1-2 रुपये या इससे ज्यादा भी दे देते हैं। लेकिन बहुत से भिखारी इन पैसों को बचाकर अपनी गरीबी दूर कर लेते हैं। बिहार के मधुबनी के रहने वाले एक सूरदास भिखारी ने फुटकर पैसे जमा कर ऑटो चलवा दिए और आज भी भीख मांग रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 15, 2024 पर 2:06 PM
बिहार के इस भिखारी ने कर दिया कमाल, भीख मांगकर चलवा दिए ऑटो
मधुबनी के भीख मांगने वाले सूरदास की पहचान भिखारी के तौर पर नहीं रह गई है।

भिखारियों के बारे में सोचने पर एक ऐसे व्यक्ति की छवि बन जाती है। जो बहुत ज्यादा गरीब होते हैं। उनके पास रोटी कपड़ा और मकान तक की व्यवस्था नहीं रहती है। लेकिन आज हम एक ऐसे भिखारी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। बिहार के मधुबनी के रहने वाले सूरदार पिछले कई सालों से भीख मांग रहे हैं। अपने इस भीख के पैसों से ही उन्होंने ऑटो तक चलवा दिए। आज भी भीख मांगकर ही जीवन गुजार रहे हैं। सूरदास मधुबनी और दरभंगा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों पर गीत गाकर भीख मांगते हैं।

भिखारी का नाम बमभोला है। प्यार से लोग इन्हें सूरदास के नाम से पुकारते हैं। सूरदास आंखों से नहीं देख सकते हैं। इसके बावजूद उनके आत्मविश्वास में कभी कमी नहीं आई। सूरदास ने कभी भी जीवन में हार नहीं मानी। सूरदास का कहना है कि मैंने अपने जीवन की शुरुआत भीख मांगने से की थी।

भगवान ने आज सबकुछ दिया – सूरदास

सूरदास का कहना है कि जब मेरे पास कुछ नहीं था तो मैंने भीख मांगने का काम शुरू किया था। आज मुझे भगवान ने सब कुछ दे दिया है। सूरदार सिर्फ भीख मांगने का ही काम नहीं करते हैं। वो तीन ऑटो चलवाते हैं। सूरदास ने कहा कि लोग मुझसे प्रेरित हो रहे हैं। मैंने अपनी मेहनत से कमाई की है। अब परिवार के लोग भी मुझसे जुड़ना चाहते हैं। सूरदास मानते हैं कि भीख मांगने से ही मैं जीवन में आगे बढ़ता गया। यही मेरा पेशा रहा। अब मैं इससे बाहर नहीं निकल सकता हूं। लोकल 18 से बातचीत करते हुए सूरदास ने कहा कि जब तक मेरी सांस चलती रहेगी। तब तक मैं भीख मांगता रहूंगा।

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