Chhattisgarh Journalist Murder Case: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार की हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को विशेष जांच दल (SIT) ने हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी सुरेश चंद्राकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद से फरार था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने रविवार (5 जनवरी) देर रात हैदराबाद से सुरेश को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर तथा सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस के मुताबिक 33 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को लापता हो गए थे। उनका शव तीन जनवरी को बीजापुर शहर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की संपत्ति के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का संबंध कांग्रेस से था।
हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया कि सुरेश चंद्राकर हाल में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए थे। बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर 25 दिसंबर को एनडीटीवी पर चली थी, जिसे मुकेश चंद्राकर की हत्या की वजह बताई जा रही है। यह निर्माण कार्य ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से जुड़ा हुआ था।
अपनी साहसिक खोजी रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले मुकेश ने हाल ही में बस्तर क्षेत्र में गंगालूर से हिरोली तक फैली 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था। पुलिस को संदेह है कि उनकी रिपोर्टिंग से प्रभावित लोग उनकी हत्या में शामिल हो सकते हैं। परियोजना की लागत 50 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ हो गई है, लेकिन कार्य के दायरे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस परियोजना को कथित तौर पर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा संचालित किया जा रहा था, जिसे अब हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में उनके चचेरे भाई रितेश चंद्राकर को दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने कथित तौर पर 1 जनवरी की रात को ठेकेदार की मुकेश से मुलाकात कराई थी। बैठक के बाद मुकेश का फोन बंद हो गया और उसके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने उसे लापता बताया, जिसने शिकायत दर्ज कराई।
पत्रकार का शव दो दिन बाद चट्टनपारा में सुरेश के स्वामित्व वाली संपत्ति पर एक सेप्टिक टैंक में मिला, जहां उसे आखिरी बार देखा गया था। पुलिस ने रितेश और परिवार के एक अन्य सदस्य दिनेश चंद्राकर सहित तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया।