China Military Exercise : कोर कमांडर की वार्ता के बीच भी चीन अपनी हरकतों से बाज आता नहीं दिख रहा है। दरअसल, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हाल में पैंगोंग लेक के ऊपर लड़ाकू हेलिकॉप्टरों के साथ एक युद्धाभ्यास किया है। इससे जुड़ा एक वीडियो सरकारी मीडिया नेटवर्क्स सीसीटीवी पर दिखाया गया है। हाल में डोकलाम के पठार पर चीन के कुछ गांव बसाने से जुड़ी सैटेलाइट इमेज सामने आई थीं।
33 सेकेंड का वीडियो किया जारी
स्पूतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चुशूल-मोल्डो पर हुई 16वीं कॉर्प कमांडर स्तर की वार्ता खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही यह 33 सेकेंड का वीडियो जारी किया गया है।
इस वीडियो में लगभग 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची साल्टवाटर लेक पैंगोग लेक पर पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड से जुड़ी आर्मी एविएशन ब्रिगेड अभ्यास करती हुई दिखाई गई है।
युद्धक हेलिकॉप्टर हुए शामिल
चीन के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्रिल में पहली बार जेड-10 युद्धक हेलिकॉप्टर शामिल हुए हैं। हालांकि पूर्व के अभ्यासों में पेट्रोल मिशनों के लिए रक्षा बलों ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर ही शामिल होते रहे हैं।
उधर, नई दिल्ली और बीजिंग ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी करके कहा कि दोनों पक्ष एलएसी से सटे वेस्टर्न सेक्टर में “सुरक्षा और स्थायित्व” बनाए रखने को सहमत हो गए हैं। बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिये संपर्क कायम रखने और संवाद को बनाए रखकर बाकी मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने के लिए सहमत हो गए हैं।
किन प्वाइंट्स से हट सकती हैं सेनाएं
इसमें कहा गया, भारतीय पक्ष करम सिंह हिल फीचर से दक्षिण पूर्वी टकराव के बिंदु से पीछे हट सकता है, वहीं चीन एलएसी पर अपनी साइड में स्थित 5170 हिल फीचर से बिंदु से हट सकता है।
यह भी बात सामने आई कि निकट भविष्य में दोनों ही पक्ष पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से अपनी सेनाओं को संभवतः पीछे हटा सकते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अन्य विवादित स्थानों देमचोक और देपसांग को लेकर बातचीत करने से इंकार कर दिया है। उसने दावा किया है कि ये दोनों ही जगहें वर्तमान गतिरोध का हिस्सा नहीं हैं।
एलएसी पर जमा हैं दोनों देशों की सेनाएं
उधर, भारत लगातार जोर दे रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध का व्यापक हल होना चाहिए। साथ ही सेनाओं को वहां से हटाया जाना चाहिए। इससे पहले 15वें दौर की बातचीत के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर आए थे। यही नहीं वांग यी ने जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बाली में बैठक के बाद एलएसी पर चर्चा की थी। भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिक और बड़ी मात्रा में घातक हथियार इस समय एलएसी पर तैनात हैं।