Christmas 2024: क्रिसमस का त्योहार इस समय भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। क्रिसमस का त्योहार आते ही हमारे आपके दिमाग में एक सबसे पहले सेंटा क्लॉज की छवि आती है। सेंटा क्लॉज, जो क्रिमसम के समय लाल और सफेद कपड़े पहनकर लोगों का गिफ्ट बताते दिखते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि सेंटा क्लॉज क्यों लाल और सफेद कपड़ों में ही दिखते हैं, कभी कोई और रंग के कपड़े क्यों नहीं पहनते। आइए आज हम आपको इसके पीछे का कारम बताते हैं।
सेंटा क्यों पहनते हैं एक ही रंग के कपड़े
सांता क्लॉज का लाल और सफेद पहनावा अमेरिकी और यूरोपीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है। बता दें कि सेंट निकोलस अपनी लाल चोगे के लिए प्रसिद्ध थे। वहीं 19वीं सदी में, अमेरिका में "क्लॉज" नामक एक व्यक्ति को बच्चों के लिए लोकप्रिय किया गया, जो क्रिसमस पर गिफ्ट्स देने आता था। पहले सेंटा को विभिन्न रूपों में दर्शाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे उनका यह रूप अधिक प्रसिद्ध हुआ। समय के साथ, सांता का लाल और सफेद पहनावा एक पहचान बन गया, जिसे आज हम सब क्रिसमस के प्रतीक के रूप में जानते हैं। 1930 के दशक में कोका-कोला के विज्ञापनों ने इसे और लोकप्रिय बनाया। वहीं सेंटा क्लॉज का लाल और सफेद सूट में समय के साथ काफी बदलाव हुआ है।
कोका-कोला की एड ने बदला सबकुछ
बता दें कि सन 19वीं सदी के दौरान सेंटा क्लॉज को कई रंगों के कपड़े पहने दिखाया जाता था, पर कोका-कोला कंपनी के एक एड ने सबकुछ बदल दिया। कोका-कोला कंपनी के एड में सेंटा क्लॉज को लाल और सफेद कपड़ों में दिखाया गया। कंपनी का ये एड इतना फेसम हुआ कि लोग सेंट क्लॉज को फिर इन्हीं ही कपड़ों में देखने लगे और तब से यह उनकी पहचान बन गई। ये कपड़े आज भी सेंटा क्लॉज के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है।
वहीं एक मान्यता ये भी है कि सेंटा क्लॉज का लाल और सफेद रंग का ड्रेस काफी विचारशील है। लाल रंग खुशियों, ऊर्जा और गर्मी का प्रतीक है, जबकि सफेद रंग शांति, पवित्रता और अच्छाई का प्रतीक है यह रंग सांता क्लॉज की सकारात्मक और सौम्य पर्सनैलिटी से मेल खाते हैं, जो उन्हें और भी आकर्षक और प्रेरणादायक बनाते हैं।