Dengue New Variant: देश के कई राज्यों में डेंगू तेजी से फैल रहा है। इसके नए वेरिएंट से हाहाकार मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में डेंगू का नया वेरिएंट सामने आया है। यह नया वेरिएंट DEN2 है, जो घातक साबित हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यह नया स्ट्रेन गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इस नए वेरिएंट में प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरती हैं। अब कोरोना की तरह डेंगू के भी नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। जिस मच्छर के काटने से डेंगू का नया वेरिएंट फैला है। उसे टाइगर मच्छर (dengue tiger mosquito) भी कहा जाता है। इस मच्छर को सबसे ज्यादा जानलेवा बताया जा रहा है।
डेंगू मच्छरों से फैलने वाली एक वायरल बीमारी है। इस वायरस के 4 वेरिएंट हैं। जिनके नाम DENV-1. DENV-2, DENV-3 और DENV-4 है। ये स्ट्रेन पहले ही से ही मौजूद रहा है। लेकिन समय के साथ साथ ये ज्यादा गंभीर होता चला गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-NCR में एक तिहाई मामलों में यही नजर आ रहा है। बता दें कि डेंगू वायरस संक्रमित Aedes Aegypti मादा मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है।
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स गिरना आम बात है। लेकिन नए वेरिएंट के प्रभाव से प्लेटलेट्स गिरने की दर बहुत तेज हो जाती है। इसके अलावा इस वेरिएंट की वजह से हेमोरेजिक फीवर का खतरा भी बढ़ गया है। इस फीवर में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द के अलावा जॉइंट पेन भी हो सकता है। कुछ लोगों को रैशेज, घबराहट, जरूरत से ज्यादा कमजोरी और नाम-मसूड़ों से खून भी निकल सकता है। इसलिए तेज बुखार आते ही डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जा रही है। DENV-2 को सबसे गंभीर माना जाता है। भारत में साल 2012 तक D1 और D3 स्ट्रेन ज्यादा प्रभावी थे, लेकिन उसके बाद से D2 ज्यादा हावी होने लगा है।
डेंगू DEN2 से इलाज और बचाव
DENV-2 का इलाज से पहले वायरोलॉजिकल और सीरोलॉजिकल टेस्टिंग की जाती है। बीमारी के पहले हफ्ते के दौरान एकत्र किए गए रोगी के सैंपल की सीरोलॉजिकल और वायरोलॉजिकल यानी RT-PCR टेस्टिंग भी की जाती है। इसके बाद दवाओं के साथ इलाज शुरू होता है। वहीं अपने घर पर या आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। इस मौसम में हाथ-पैर ढकने वाले कपड़े पहनें। अच्छी क्वालिटी की मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं। घर और अपनी सफाई का खास ध्यान रखें।