Diabetes: इन दिनों डायबिटीज की बीमारी से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाने की वजह से यह समस्या पैदा होती है। खून में ब्लड शुगर (Blood Sugar) बढ़ने से कई गभीर समस्याओं का खतरा पैदा हो सकता है। डायबिटीज अनुवाशिंक बीमारी हो सकती है। हालांकि आजकल ज्यादातर लोगों में खराब लाइफस्टाइल की वजह से यह रोग यह तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खासतौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है। डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को इस बात का भ्रम रहता है कि वो पपीता का सेवन करें या नहीं करें। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि पपीता खाना चाहिए या नहीं।
पपीता का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 60 है। यानी कि यह आपका शुगर तेजी से नहीं बढ़ाएगा। इसका सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल को यह बहुत जल्दी नहीं बढ़ाता है। लो जीआई फ़ूड 20 से 49 के बीच होते हैं। जबकी 50- 69 ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ़ूड मध्यम जीआई फ़ूड होते हैं। हाई जीआई फ़ूड 70 -100 के बीच होते हैं।
डायबिटीज के मरीज अगर कच्चा पपीता खा सकें, तो वह उनके लिए अधिक बेहतर है। कच्चे पपीते में चीनी कम होती है। इसमें हाई फाइबर और कम फैट पाया जाता है। अगर हम दोनों की तुलना करें, तो कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है। इसमें सफाई के गुण होते हैं। रॉ पपीता पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सोडियम का भी स्रोत होता है। हालांकि कच्चा और पका हुआ पपीता, दोनों ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। पपीता एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो कि इंसुलिन सेल्स को तेजी से बढ़ावा देते हैं और शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करते है। डायबिटीज के मरीजों में कब्ज की समस्या को दूर करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
कब और कितना करें पपीता का सेवन?
डायबिटीज के मरीज रोजाना एक कप से ज्यादा पपीता का सेवन नहीं करें। इससे ज्यादा खाने पर शरीर में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ सकती है। साथ ही अगर ये पपीता आप नाश्ते के बाद और दिन में 10 बजे के करीब खाएं तो आपके लिए और फायदेमंद होगा। इसे आप डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं। जैसे कि आप इसे नाश्ते में खा सकते हैं। दिन में लंच के बाद स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।