Diabetes के रोगियों के लिए गिलोय है अमृत, रस और चाय से Blood Sugar रहेगा कोसों दूर

Diabetes: गिलोय डायबटिजी के मरीजों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। इससे ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहता है। कोरोना काल में गिलोय की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ था। इसके सेवन से इम्यूनिटी में मजबूती आती है। यह दिल और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए भी अच्छा माना गया है। इसमें ग्लोकोसाइड, टीनोस्फोरिन, पामेरिन जैसे कई एसिड पाए जाते हैं

अपडेटेड Jul 30, 2023 पर 8:52 AM
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Diabetes: गिलोय के पौधे की पत्तियों से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है

Diabetes: शुगर लाइफस्टाइल से पनपने वाली ऐसी बीमारी है जो तमाम उम्र जिंदगी के साथ रहती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। वरना इसकी वजह से कई और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर कंट्रोल करने के लिए ना सिर्फ दवाइयां जरूरी हैं। बल्कि डाइट पर कंट्रोल करना भी जरूरी है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह किसी दवा से कम नहीं हैं। कोरोना काल में गिलोय की डिमांड में तेजी आई थी। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। गिलोय की पत्तियों का रस और इसकी चाय सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी गई है।

WHO के अनुमान के अनुसार, डायबिटीज से हर साल दुनियाभर में 16 लाख लोगों की मौत होती है। संगठन ने यह भी दावा किया है कि साल 2030 तक डायबिटीज विश्वभर में सबसे बड़ी मौतों की सांतवी सबसे बड़ी वजह होगी। एक संतुलित आहार और जीवनशैली अपनाकर ब्लड शुगर लेवल को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

गिलोय के सेवन से डायबिटीज जड़ से होगी खत्म


आयुर्वेद में गिलोय को 'मधुनाशिनी' के नाम से जाना जाता है। जिसका अर्थ है 'चीनी को नष्ट करने वाली'। इसलिए जब शुगर के मरीज इस चाय को पीते हैं तो यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। ये फास्टिंग और नॉन-फास्टिंग, दोनों ही शुगर को कम करने में मददगार है। आयुर्वेद के मुताबिक, न्यूरोपैथी की समस्या बहुत तेजी से बढ़ने लगती है। इसमें सेल्स और टिशूज खराब होने लगते हैं। इसका आपकी स्किन पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय इस स्थिति से बचाने में मददगार है और डायबिटीज न्यूरोपैथी से खतरे को कम करता है और नसों को शुगर की वजह से खराब होने से बचाता है।

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गिलोय में है पोषक तत्वों का भंडार

गिलोय औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें ग्लूकोसाइड और टीनोस्फोरिन, पामेरिन, और टीनोस्फोरिक एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें आयरन, फास्फोरस, जिंक, कैल्शियम समेत एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। डायबिटीज के मरीज अलग-अलग तरीकों से गिलोय का सेवन कर सकते हैं।

गिलोय का जूस

गिलोय के तने और पत्तियों का जूस बना लें। आप चाहें तो समें नीम, खीरा, टमाटर भी मिला सकते हैं। सुबह खाली पेट इस जूस के सेवन से काफी फायदा मिलता है।

लिवर और किडनी के लिए रामबाण है गिलोय

डायबिटीज होने के साथ लिवर और किडनी की समस्या बड़ी तेजी से बढ़ने लगती है। गिलोय डायबिटीज की जटिलताओं जैसे अल्सर और किडनी की समस्याओं को कम करने में मददगार है। ये लिवर और किडनी के काम काज को तेज करता है और इनसे जुड़ी बीमारियों से बचाता है। तो, दोपहर और रात के खाने के बाद आधा चम्मच गिलोय पाउडर लें और इसे पानी में मिलाकर इसी नॉर्मल चाय बनाएं। फिर इसका सेवन करें।

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