गणेश चतुर्थी 2023: निवेश के मोदक - इन 5 सेक्टर पर रहेगी नजर
जिस तरह चॉकलेट मोदक का चलन हमेशा बना रहता है, उसी तरह टेक्नोलॉजी कंपनियां भी लगातार नए इनोवेशन और बदलाव करती रहती हैं और आगे बढ़ती रहती हैं। AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में प्रगति के साथ यह सेक्टर विकास और निवेश के अवसरों का केंद्र बना हुआ है
Ganesh Chaturthi 2023: गणेश जी के मोदक की तरह अपने पोर्टफोलियो में मिठास की चासनी घोल सकते हैं।
Ganesh Chaturthi 2023: भारत में उत्साह के साथ मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार- गणेश चतुर्थी। इस दिन बप्पा अपने भक्तों के घर में मेहमान बनकर पधारते हैं। हम सभी जानते हैं कि गणपति बप्पा को मोदक अत्यंत प्रिय है और इसलिए उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि यह मीठा व्यंजन अलग-अलग स्वाद और रूपों में भी आता है, बिल्कुल शेयर बाजार के डावर्सिफाइड सेक्टर की तरह। जिस तरह अलग-अलग मोदक की किस्में अलग-अलग स्वाद को पूरा करती हैं, उसी तरह बाजार में अलग-अलग सेक्टर अलग-अलग निवेश का मौका मिलता है। जिस प्रदान करते हैं।
इस आर्टिकल में हम मोदक की दुनिया और शेयर बाजार के बीच कुछ समानताएं बनाएंगे। इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि आने वाले सालों में किन सेक्टर में हाई ग्रोथ की उम्मीद है और आकर्षक निवेश संभावनाएं देखने को मिल सकती है। आइए शुरू करते हैं।
हेल्थकेयर सेक्टर - 'ड्राई फ्रूट मोदक'
हेल्थकेयर सेक्टर की तुलना ड्राई फ्रूट मोदक से की जा सकती है, जो जरूरी पोषक तत्वों और लाभ से भरपूर है। जिस तरह सूखे मेवे शक्ति का स्रोत हैं उसी तरह हेल्थकेयर कंपनियां समाज की भलाई बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा का महत्व हम सभी ने देखा। बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल्स और टेलीमेडिसिन कंपनियों में पर्याप्त ग्रोथ देखने की उम्मीद है क्योंकि कंपनियां इनोवेटिव सॉल्यूशन और ट्रीटमेंट डेवलप करना जारी रखे हुए हैं।
स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में भारत के हेल्थकेयर मार्केट में रेवेन्यू 516.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा, रेवेन्यू में 10.36% की सालाना ग्रोथ रेट (CAGR 2023-2027) के साथ मार्केट वॉल्यूम के 2027 तक 766.40 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
टेक्नोलॉजी सेक्टर- 'चॉकलेट मोदक'
जिस तरह चॉकलेट मोदक का चलन हमेशा बना रहता है, उसी तरह टेक्नोलॉजी कंपनियां भी लगातार नए इनोवेशन और बदलाव करती रहती हैं और आगे बढ़ती रहती हैं। AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में प्रगति के साथ यह सेक्टर विकास और निवेश के अवसरों का केंद्र बना हुआ है। जैसे-जैसे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हर इंडस्ट्री के लिए अभिन्न अंग बनते जा रहा है, टेक्नोलॉजी स्टॉक आने वाले सालों में लगातार ग्रोथ के लिए तैयार हैं।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य देश के सभी लोगों तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सुविधा प्रदान करना और देश में डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। यह भारत सरकार द्वारा IT सेक्टर के विस्तार में मदद के लिए किए गए प्रयासों में से एक है।
गवर्नमेंट सपोर्ट, क्वालीफाई वर्कर्स और डिजिटल टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग से आने वाले सालों में भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर में मजबूत वृद्धि की संभावना है। इस सेक्टर का देश की GDP में अहम योगदान रहा है। IBEF के अनुसार FY22 में IT इंडस्ट्री का भारत की GDP में 7.4% योगदान था और 2025 तक भारत की GDP में इसका योगदान 10% होने की उम्मीद है।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर- 'नारियल मोदक'
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की तुलना नारियल मोदक से की जा सकती है, जो स्थिरता और शुद्धता का प्रतीक है। दुनिया जलवायु परिवर्तन से जूझ रही है। इससे सोलर और विंड जैसे रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स को प्रमुखता मिली है। दुनिया भर में सरकारें अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए कमिटेड हैं। इस वजह से इस सेक्टर को पर्याप्त बढ़ावा मिलने की संभावना है।
स्टैटिस्टा के अनुसार भारत के रिन्यूएबल एनर्जी बाजार में बिजली उत्पादन 2023 में 303.70 बिलियन किलोवाट तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं 2023 से 2028 तक सालाना ग्रोथ रेट (CAGR) 7.13% रहने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर गुड़ मोदक के समान है, जो नेचुरल और पर्यावरण-अनुकूल वाली मिठाई है। दुनिया सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन की ओर बढ़ रही है, जिससे EV कंपनियां लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही हैं और प्रमुख वाहन निर्माता भी EV उत्पादन में भारी निवेश कर रहे हैं।
IBEF के अनुसार ग्लोबल EV बाजार के 2028 तक 1,318 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार 2025 तक 50,000 करोड़ रुपये (US$ 7.09 बिलियन) तक पहुंचने की उम्मीद है।
FMCG सेक्टर- 'मावा मोदक'
पिछले कई सालों में भारत में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर (FMCG) में महत्वपूर्ण ग्रोथ देखी गई है। इस सेक्टर की तुलना मावा मोदक से की जा सकती है, जो पारंपरिक और नए स्वाद का एक आनंददायक मिश्रण प्रदान करता है।
भारतीय FMCG इंडस्ट्री में ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग पर बढ़ता जोर एक पॉजिटव ट्रेंड है। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण कई FMCG कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और डिजिटल मार्केटिंग में निवेश कर रही हैं।
बढ़ती उपभोक्ता मांग, इनकम में बढ़ोतरी, लाइफस्टाइल में बदलाव और सहायक सरकारी नियमों के कारण भारत में FMCG इंडस्ट्री आगे तेजी से विकसित होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी के दौरान बप्पा की थाली की शोभा बढ़ाने वाले अलग-अलग प्रकार के मोदकों की तरह शेयर बाजार भी कई सेक्टर की पेशकश करता है, जिनका अपना एक अलग स्वाद और विशेषता है। हालांकि, निवेशकों को इन सेक्टर पर विचार करते समय अपनी जोखिम लेने की क्षमता और अपने निवेश लक्ष्यों पर भी विचार करना चाहिए।
*आर्टिकल केवल सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। यह निवेश सलाह नहीं है।