Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में 19 सितंबर से शुरू होगा। गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान भगवान गणेश की पूर्जा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम के लिए भगवान गणेश को पहले पूजा जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले भगवान गणेश पूजा करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि विघ्नहर्ता गणेश जीवन की सभी परेशानियों को दूर कर देते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन देशभर में गणपति बप्पा के जगह-जगह पंडाल लगते हैं। गणेश जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। शुभ मुहूर्त में ही मूर्ति स्थापित करना चाहिए।
मूर्ति स्थापना के लिए आपको लाल या पीला वस्त्र चाहिए, चौकी बप्पा की प्रतिमा रखने के लिए, बप्पा के लिए वस्त्र, घी का दीया, शमी का पत्ता, गंगाजल, पंतामृत, सुपारी, जनेऊ, मोदक, चंदन, अक्षत, धूप, फल, फूल और दूर्वा की जरूरत पड़ती है।
गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी। 19 सितंबर को रात 8:43 बजे खत्म होगी। सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक भी गणेश पूजा की जा सकती है। यानी यह अवधि कुल मिलकर 2 घंटे और 27 मिनट की होगी। सुबह 09:45 बजे से रात 08:44 बजे तक गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन से बचने की सलाह दी जाती है।
भगवान गणेश को न चढ़ाएं तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी बेहद पवित्र मानी जाती है। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। वहीं गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा के दौरान तुलसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
तुलसी के अलावा सफेद चंदन भी न चढ़ाएं
गणेश जी की पूजा के दौरान सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, सफेद फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने गणेश जी का रूप देख उनका उपहास किया था। जिसकी वजह से गणेश जी चंद्रमा को श्राप दिया था। इसलिए भगवान गणेश जी पर सफेद फूल और सफेद चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा विधि
1 - गणेश चतुर्थी पर्व पर कुछ खास बातों का ध्यान बेहद जरूरी है।
2 - सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।
3 - इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।
4 - उपासना के लिए शुभ मुहूर्त के समय ईशान कोण में चौकी स्थापित करें।
5 - इसके बाद पीला या लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाएं।
6 - अब भगवान गणेश को चौकी पर विराजमान करें।
7 - फिर रोजाना भगवान गणेश की उपासना करें।
8 - अंतिम दिन श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश को विदा करें।