गिलोय अब एक जाना-पहचाना नाम है। यह देश की एक प्राचीन जड़ी-बूटी है। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे इम्यूनिटी बढ़ाने, शरीर का कायाकल्प करने, गठिया, डायबिटीज जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए रामबाण है। जब भारत में डेंगू का गंभीर प्रकोप फैलता है। तब इसके काढ़े का प्रचलन तेजी से बढ़ता है। कोविड के प्रकोप के दौरान भी इसकी काफी चर्चा हुई थी। इसे गुडुची के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे 'अमृता' (अमरता का दिव्य अमृत) कहा जाता है। देश का आयुष मंत्रालय इसे राष्ट्रीय औषधि बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है।
गुडुची को आयुर्वेद में सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है। इस जड़ी बूटी में बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, गाउट, वायरल बुखार, खांसी और जुकाम जैसे रोगों से लड़ने और उन्हें खत्म करने की पूरी क्षमता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
इस पर पीले और हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसके पत्ते कोमल और पान के आकार के होते हैं। यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय सबसे अच्छी मानी जाती है। गिलोय भारत की ही जड़ी बूटी है और यह श्रीलंका, बांगलादेश, म्यांमार आदि देशों में भी पाई जाती है। गिलोय बेल की डंडियों का काढ़ा, पत्तों का रस शरीर के बेहद फायदेमंद माना जाता है। देश का आयुष मंत्रालय इस प्रयास में भी है कि इसे राष्ट्रीय औषधि के रूप में प्रमोट किया जाए।
गिलोय का उपयोग डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। गिलोय में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक तत्व पाए जाते हैं, जो डायबिटीज से छुटकारा दिलाते हैं।
गिलोय का उपयोग बुखार को ठीक करने के लिए भी किया जाता रहा है। NCBI की एक स्टडी में कहा गया है कि गिलोय में बुखार को ठीक करने के गुण होते हैं जो शरीर के तापमान को कम करने और लंबे समय से न ठीक होने वाले बुखार का भी इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
आजकल देर-सबेर खाना खाने की बिगड़ी आदत की वजह से लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या होती है। ऐसे में पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए गिलोय का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आप चाहें तो पेट की समस्या से राहत पाने के लिए गिलोय का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। यह पेट के लिए काफी फायदेमंद माना गया है।
इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
गिलोय में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले गुण होते हैं, जो शरीर में संक्रमण और बीमारियों को अटैक करने से दूर रखते हैं। NCBI की एक रिपोर्ट में भी यह प्रभाव देखा गया है कि गिलोय जूस इम्यून इफेक्टर सेल्स को बूस्ट करने की क्षमता है।
जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में गिलोय काफी लाभदायक होता है। अरंडी के तेल के साथ गिलोय का उपयोग अर्थराइटिस से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।