HMPV cases in India: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का पहला मामला सामने आया है। मुंबई के पवई इलाके के हीरानंदानी अस्पताल के ICU में भर्ती छह महीने की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में एचएमपीवी मामलों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। पवई के हीरानंदानी अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार (7 जनवरी) को टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) को बताया कि उन्होंने 1 जनवरी को पुष्टि किए गए एचएमपीवी मामले के बारे में स्थानीय नागरिक कार्यालय को सूचित किया था। लेकिन परेल में नागरिक स्वास्थ्य मुख्यालय में बीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
इससे पहले नागपुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार को दो मामलों की सूचना दी। चीन में एचएमपीवी उछाल की रिपोर्टों ने एक और महामारी के बारे में लोगों की आशंका बढ़ा दी है। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह वायरस दशकों से प्रचलन में है।
स्वास्थ्य विभाग के एक डॉक्टर ने कहा, "अब नए रैपिड टेस्ट उपलब्ध हैं, जो कुछ ही घंटों में इन्फ्लूएंजा जैसे वायरस की पहचान कर सकते हैं। एचएमपीवी एक ऐसा वायरस है, जिसकी पहचान ये टेस्ट कर सकते हैं, जिनकी कीमत लगभग 7,000 रुपये है।" उन्होंने आगे कहा कि इस मौजूदा वायरस के कारण होने वाले बुखार के मामलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने बनाई टास्क फोर्स
महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए। इन मामलों को लेकर अधिकारियों ने कहा कि दोनों बच्चे हैं। उनकी हालत स्थिर है। 13 और 7 साल की दो लड़कियों में यह लक्षण दिखाई दिए थे। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो दिन तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनका घर पर ही इलाज किया गया और इनकी हालत स्थिर है।
गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सैपले की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करेगी। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, ''इन दोनों बच्चियों को खांसी और बुखार था। इनके सैंपल एनआईवी को भेजे गए हैं क्योंकि इनके लक्षण थोड़े अलग थे। दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और दोनों मरीज ठीक हो गए हैं।'' नागपुर के सरकारी मेडिकल और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा, "माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है।'' हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को मास्क पहनना चाहिए।
सरकार ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अंबाडेकर ने एचएमपीवी वायरस को लेकर विभाग की एक आपात बैठक बुलाई है। खबर है कि इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी मौजूद रहेंगे। मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन के साथ वर्चुअल बैठक कर एचएमपीवी मरीजों से निपटने की उनकी तैयारियों की समीक्षा की और उन्हें उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी।
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) अलर्ट मोड में आ गया है। एचएमपीवी मरीजों के इलाज के लिए विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई बात नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी प्रचलित था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सूचित करने का निर्णय लिया है जिसमें कहा गया है कि इस संबंध में किसी भी तरह की काल्पनिक जानकारी न दें, जो आधिकारिक जानकारी है, केवल वही दी जाए।
उन्होंने कहा कि एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई वजह नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी मौजूद था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है। इस संबंध में नियमों की घोषणा की जाएगी। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर जिला प्रशासन को सर्दी-खांसी के मरीजों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही उन पर कड़ी नजर रखने को कहा है।