Holi 2024: इस साल कब है होली? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पढ़िए इतिहास और महत्व

Holi 2024: हिन्दू धर्म में होली का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जाता है। इस पर्व की शुरुआत फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हो जाती है। इसके साथ ही इससे जुड़ी कथा का भी विशेष महत्व है। होली का त्योहार पारंपरिक रूप से दो दिन तक मनाया जाता है

अपडेटेड Feb 16, 2024 पर 3:06 PM
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Holi 2024: हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन होली मनाई जाती है।

Holi 2024: हिंदी के महीनों में फाल्गुन का महीना सबसे आखिरी में आता है। यह माघ मास के बाद आता है। फाल्गुन के बाद फिर से नए साल का नए महीना चैत्र शुरू हो जाता है। फाल्गुन का नाम सुनते ही सबसे पहले होली का जिक्र शुरू हो जाता है। इसकी वजह ये है कि इसी महीने में होली का त्योहार मनाया जाता है। होली का त्योहार हिंदू धर्म में अहम त्योहार में से एक है। होली के त्योहार का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। खुशियों के इस त्योहार में लोगों को रंगों में सराबोर होने का मौका मिलता है। फैल्गुन महीने की पूर्णिमा की रात होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है। इसके अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है।

होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। होली के दिन आपसी दुश्मनी को भुलाकर लोग एक-दूसरे के घर जाकर अबीर गुलाल लगाते हैं। इसके साथ ही होली की शुभकामनाएं भी देते हैं।

जानिए साल 2024 में होली का शुभ मुहूर्त


हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महाने की पूर्णिमा को होली मनाई जाती है। इस साल 25 मार्च 2024 को होली मनाई जाएगी। होलिका दहन 24 मार्च 2024 को है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8.13 बजे से शुरू हो जाएगा। यह अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11.44 बजे तक रहेगा। दिन भर उदय के कारण 24 मार्च को ही पूर्णिमा तिथि मान्य रहेगी। वहीं, होलिका दहन के दिन भद्रा भी लगने जा रहा है। यह भद्रा 24 मार्च की रात 11.17 बजे तक रहने वाला है। ऐसे में होलिका दहन 11.17 बजे के बाद ही करना शुभ होगा। इस बार होली के दिन चंद्रग्रहण का साया पड़ने वाला है। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। लिहाजा इसका प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।

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होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका दहन के लिए गली के किनारे या चौक पर कई दिनों पहले से ही लकड़ी रखना शुरू कर दिया जाता है। होलिका दहन के दिन तैयार की गई होलिका की दिशा में मुख करके बैठा जाता है। फिर भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है। होलिका दहन की पूजा सामग्री (Puja Samagri) में फल, फूल, नारियल, रोली, गोबर के कंडे, अनाज, कच्चा सूत. चावल, गुलाल, बताशे, हल्दी, और लोटे में जल भरकर रखा जाता है। फिर पूजा के बाद होलिका की परिक्रमा की जाती है।

होली का महत्व

मान्यताओं के मुताबिक, घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए होली की पूजा की जाती है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। इसके साथ ही यह पर्व भाईचारे, आपसी प्रेम और सद्भावना का भी त्योहार है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन करने और होली के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Feb 16, 2024 3:04 PM

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