Indo-Bangla Border Tensions: भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार (13 जनवरी) को सीमा संबंधी मुद्दों पर बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरल इस्लाम को तलब किया। विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किए जाने के बाद इस्लाम को साउथ ब्लॉक से बाहर निकलते देखा गया। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने रविवार (12 जनवरी) को बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बांग्लादेश के विदेश कार्यालय में तलब किया था। ढाका ने पहले आरोप लगाया था कि भारत भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है, जो द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।
पड़ोसी देश ने कहा था कि भारत क्षेत्र में "अशांति" पैदा कर रहा है। बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ अपनी बैठक के दौरान वर्मा ने कहा कि दोनों देशों के बीच "सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में सहमति है। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने के भारत के प्रयासों पर भी चर्चा की गई।
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "बांग्लादेश के विदेश सचिव राजदूत मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बांग्लादेश-भारत सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) की हाल की गतिविधियों पर बांग्लादेश सरकार की गहरी चिंता व्यक्त की।"
विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को ढाका स्थित भारती विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान हाल के सीमा तनाव को लेकर बांग्लादेश की ओर से गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "विदेश सचिव राजदूत मोहम्मद जशीम उद्दीन ने आज विदेश मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बांग्लादेश-भारत सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हाल की गतिविधियों को लेकर बांग्लादेश सरकार की ओर से गहरी चिंता जताई।"
वर्मा ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, "सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में हमारे बीच आपसी सहमति है। इस संबंध में बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के बीच बातचीत जारी है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी सहमति को लागू किया जाएगा और अपराध से निपटने के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।"
भारत-बांग्लादेश में क्यों बढ़ रहा विवाद?
यह घटनाक्रम बांग्लादेश द्वारा यह आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद सामने आया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। बयान के अनुसार विदेश सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी गतिविधियों, विशेषकर कांटेदार तार की बाड़ लगाने के अनधिकृत प्रयास और बीएसएफ द्वारा संबंधित परिचालन कार्रवाइयों के कारण सीमा पर तनाव और अशांति पैदा हुई है।
बयान के अनुसार हाल में सुनामगंज में बीएसएफ की कथित कार्रवाई में एक बांग्लादेशी नागरिक के मारे जाने का उल्लेख करते हुए विदेश सचिव ने सीमा पर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की। जशीम उद्दीन ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह भारत में सभी संबंधित अधिकारियों को सलाह दे कि वे किसी भी भड़काऊ कार्रवाई से बचें, क्योंकि इससे साझा सीमा पर तनाव बढ़ सकता है।
सलाहकार ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के साथ 4,156 किलोमीटर लंबी सीमा में से 3,271 किलोमीटर पर पहले ही बाड़ लगा दी है और लगभग 885 किलोमीटर सीमा बिना बाड़ के रह गई है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर भारत को अनुचित अवसर प्रदान करने का आरोप लगाया, जिसके कारण 2010 से 2023 के बीच 160 स्थानों पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने को लेकर विवाद हुआ।
उन्होंने दावा किया कि 1974 के समझौते के तहत बांग्लादेश ने संसदीय अनुमोदन के बाद बेरुबारी को भारत को सौंप दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले में भारत को बांग्लादेश को तीन बीघा कॉरिडोर तक पहुंच प्रदान करनी थी, लेकिन वह इस प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा।