VIDEO: गणतंत्र दिवस पर ऐतिहासिक क्षण! त्राल चौक पर पहली बार फहराया गया तिरंगा, वीडियो वायरल
Republic Day 2025: जम्मू-कश्मीर में रविवार (26 जनवरी) को धूमधाम गणतंत्र दिवस मनाया गया। घाटी के सभी जिला मुख्यालयों में कड़ी सुरक्षा के बीच समारोह आयोजित किए गए। रविवार सुबह की ठंड का सामना करते हुए पुलिस, CRPF, NCC और स्कूली बच्चों की टुकड़ियों ने चौधरी को सलामी देते हुए मार्च-पास्ट में हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला
Republic Day 2025: पुलवामा के त्राल चौक पर गणतंत्र दिवस पर पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया
Republic Day 2025 in J&K: गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार (26 जनवरी) को जम्मू -कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल चौक पर इतिहास रचा गया। रविवार को भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर त्राल चौक पर पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। भारी संख्या में मौजूद बुजुर्ग, युवा और बच्चों ने मिलकर तिरंगा फहराया। यह पहली बार है जब यहां भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। तिरंगे को एक बुजुर्ग, एक युवा और एक बच्चे ने संयुक्त रूप से फहराया, जो पीढ़ियों की एकता एवं राष्ट्र के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम में भारतीय सेना के जवानों और सैकड़ों अन्य लोगों की उपस्थिति रही, जिन्होंने तिरंगे को सलामी दी और राष्ट्रगान गाया। कार्यक्रम में 1,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें से अधिकांश उत्साही युवा थे। पूरे शहर में "भारत माता की जय" के नारे और देशभक्ति के गीत गूंज रहे थे। इससे गर्व और एकता का माहौल बन गया।
कश्मीर में रविवार को गणतंत्र दिवस मनाया गया और घाटी के सभी जिला मुख्यालयों में कड़ी सुरक्षा के बीच समारोह आयोजित किए गए। घाटी में मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस दौरान डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने मुख्य अतिथि के रूप में इसकी अध्यक्षता की।
ठंड के बीच भारी भीड़
रविवार सुबह की ठंड का सामना करते हुए पुलिस, सीआरपीएफ, एनसीसी और स्कूली बच्चों की टुकड़ियों ने चौधरी को सलामी देते हुए मार्च-पास्ट में हिस्सा लिया। परेड के बाद जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने कार्यक्रम में परफॉर्मेंस की।
बक्शी स्टेडियम पूरी तरह भरा हुआ था। पीटीआई के मुताबिक स्टेडियम में करीब 20,000 लोग मौजूद थे। इनमें से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी और स्थानीय लोग थे।
गणतंत्र दिवस समारोह को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कम चेकपोस्ट स्थापित किए जाने के कारण माहौल शांत रहा। शहर में चौराहों को अवरुद्ध करने के लिए कंटीले तारों का भी इस्तेमाल नहीं किया गया।
इस साल चालू रहा इंटरनेट
इस साल गणतंत्र दिवस पर मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद नहीं की गई। वर्ष 2005 में स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थल के बाहर मोबाइल फोन से किए गए IED विस्फोट के बाद सुरक्षा प्रक्रिया के तहत मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करना एक नियमित प्रक्रिया थी।
गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनावों का सफल आयोजन सकारात्मक बदलाव को रेखांकित करता है। इस उपलब्धि का श्रेय उन सभी नागरिकों को जाता है, जिन्होंने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लिया तथा जम्मू-कश्मीर के लोकतांत्रिक मूल्यों एवं भविष्य में अपना विश्वास प्रदर्शित किया।
सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर हमेशा से विविधता में एकता की भूमि रहा है। हमें अपनी मिलीजुली संस्कृति और भाईचारे की सदियों पुरानी परंपराओं पर बहुत गर्व है। शांति एवं सद्भाव बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारे युवाओं के सपनों को विभाजनकारी ताकतों द्वारा बाधित न किया जाए।"
#WATCH | On the 76th #RepublicDay, history was made at Tral Chowk in Pulwama district, Jammu and Kashmir, as the Indian national flag was unfurled for the first time. The flag was jointly unfurled by an elderly, a youth and a child —symbolizing the unity of generations and their… pic.twitter.com/6fEjIrPhRa
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बख्शी स्टेडियम में पत्रकारों से कहा, "यह एक शुभ दिन है...भारत एक गणतंत्र है। हमें उम्मीद है कि संविधान की रक्षा की जाएगी और जम्मू कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाएगा...राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।"
प्रताप पार्क में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत में ऐसे दूसरे राज्य भी हैं, जिन्हें भारतीय संविधान के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है।
उन्होंने कहा, "उमर अब्दुल्ला मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाया है। हमने इसी संविधान के तहत अपने अधिकार मांगे हैं।"