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Indian Railways: रेलवे ट्रैक के पास क्यों रखे होते हैं बॉक्स? काम सुनकर हो जाएंगे हैरान

Indian Railways: ट्रेन में सफर करते समय ट्रैक के पास लगे सिल्वर बॉक्स को तो हर किसी ने देखा होगा। लेकिन इनके बारे में बहुत कम लोगों के पास जानकारी होती है। ये बॉक्स एल्युमिनियम के बने होते हैं और इसमें कुछ नंबर भी लिखे जाते हैं। रेल के सुरक्षित सफर के लिए ये एल्युमिनियम के बॉक्स बहुत जरूरी होते है

Jitendra Singhअपडेटेड Jan 17, 2024 पर 4:31 PM
Indian Railways: रेलवे ट्रैक के पास क्यों रखे होते हैं बॉक्स? काम सुनकर हो जाएंगे हैरान
Indian Railways: रेल की पटरी के किनारे लगे इन अलमारीनुमा बॉक्स को ‘एक्सल काउंटर बॉक्स’ कहा जाता है।

Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। करोड़ों लोग ट्रेन में रोजाना सफर करते हैं। देश की अर्थव्यवस्था में रेलवे की अहम भूमिका है। कभी न कभी आपने भी ट्रेन से सफर तो किया ही होगा। ट्रेन से सफर करते समय हम बहुत सी ऐसी चीजें देखते हैं। जिन्हे देखकर हमारे मन में उसके बारे में जानने की इच्छा पैदा होती है। लेकिन कभी-कभी जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे ही ट्रेन में सफर के दौरान आपने ट्रेन की पटरियों और उसके पास सिल्वर कलर के बॉक्स जरूर देखे होंगे। ये अलमारी की तरह दिखाई देते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये अलमारी जैसे बॉक्स यहां क्यों लगाए गए हैं?

दरअसल, ट्रेन के नंबर, कोच यहां तक की रेल में रखे तौलिए और चादर के बारे में तो सब बात करते हैं, लेकिन उस पटरी के बारे में कोई नहीं बताता है। अब परेशानी की कोई बात नहीं है। हम बात कर रहे हैं रेल की पटरी के किनारे पर लगे एक अलमीरा जैसे दिखने वाले एल्युमिनियम बॉक्स की।

पटरी के किनारे क्यों लगाए जाते हैं बॉक्स

रेलवे ट्रैक के किनारे लगे एल्युमिनियम के बॉक्स लगाए जाते हैं। इनका नाम एक्सल काउंटर बॉक्स (Axle Counter Box) है। रेलवे ट्रैक के किनारे ये बॉक्स आपको हर 4-5 किमी की दूरी पर लगे दिखाई दे जाएंगे। हैरानी की बात यह है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये बॉक्स बहुत जरूरी होते हैं। इस बॉक्स में एक स्टोरेज डिवाइस लगी होती है जो ट्रेन के ट्रैक के जुड़ी होती है। ये डिवाइस ट्रेन के एक्सल को काउंट करता है। एक्सल ट्रेन की बोगी के दोनों पहियों को जोड़कर रखता है। ये डिवाइस उन्ही एक्सल की गिनती करता है। रेलवे इस बॉक्स से हर 5 किलोमीटर पर एक्सल की गिनती करता है। जिससे यह पता लग पाए कि जितने पहियों के साथ ट्रेन स्टेशन से निकली थी। आगे भी उसमें उतने ही हैं या कोई डिब्बा बीच में अलग हो गया है।

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