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International Women's Day 2025: पहला महिला दिवस कब मनाया गया था, जानें इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

International Women's Day 2025: हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण, समानता और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के संघर्षों, उपलब्धियों और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करता है। 2025 की थीम "Accelerate Action" महिलाओं की बेहतरी के लिए त्वरित कदम उठाने पर जोर देती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 08, 2025 पर 8:27 AM
International Women's Day 2025: पहला महिला दिवस कब मनाया गया था,  जानें इतिहास, महत्व और इस साल की थीम
International Women's Day 2025: साल 1977 में यूएन जनरल असेंबली ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की।

International Women's Day 2025: हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। ये सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, समानता और अधिकारों की बुलंद आवाज है। ये दिन उन संघर्षों की याद दिलाता है, जो महिलाओं ने अपने हक, पहचान और सम्मान के लिए लड़े हैं। समाज में महिलाओं के अद्भुत योगदान को पहचानने और उनके साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने का संदेश भी देता है। हर साल इस खास दिन के लिए एक थीम तय की जाती है, जो महिलाओं की प्रगति, आत्मनिर्भरता और समानता को और अधिक मजबूती देती है। यूनाइटेड नेशंस ने 1975 इंटरनेशनल विमेंस ईयर मनाते हुए पहली बार इंटरनेशनल विमेंस डे भी मनाया था।

ये अवसर महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाने के साथ-साथ समाज को जागरूक करने का भी काम करता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हमें याद दिलाता है कि सशक्त नारी, सशक्त समाज की नींव होती है, और यह बदलाव की दिशा में एक और कदम बढ़ाने का दिन है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास

महिला अधिकारों की लड़ाई की शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी। 1908 में, न्यूयॉर्क शहर में 15,000 महिलाओं ने बेहतर वेतन, काम करने की बेहतर स्थिति और मतदान के अधिकार की मांग को लेकर एक विशाल मार्च निकाला। इसके बाद, पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 19 मार्च 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया। हालांकि, 1917 में रूस की महिलाओं ने 8 मार्च को एक हड़ताल की, जिसने महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई को और मजबूती दी। इसके बाद महिला दिवस की तारीख बदलकर 8 मार्च कर दी गई। बाद में, संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में आधिकारिक रूप से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी।

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