Jahangirpuri Violence : हनुमान जयंती उत्सव के दौरान 16 अप्रैल को जहांगीरपुर में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। तमाम वीडियो से यह साफ पता चलता है कि वहां के नागरिकों के पास पहले से बड़ी संख्या हथियार मौजूद थे। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पत्थरबाजी और संघर्ष नहीं रुका।
दिल्ली पुलिस (Delhi police) के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने सीएनएन-न्यूज 18 के साथ बातचीत में इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए।
क्या हमला पूर्व नियोजित था, यह जांच का विषय है
पाठक ने कहा, “यह जांच का विषय है कि क्या हमला पूर्व नियोजित था और हम जांच के शुरुआती चरण में हैं। पुलिस पर्याप्त संख्या में मौजूद थी और उसने फुर्ती से कार्रवाई की। जैसे तकरार शुरू हुई, पुलिस उनके बीच दीवार की तरह खड़ी हो गई, जिससे लोग आमने-सामने नहीं आ सकें। हम बेहद कम समय में हालात से निबटने में सक्षम हो गए।” पाठक ने कहा, जब यात्रा शुरू हुई, तो पुलिस वहां थी और जब हालात बिगड़ने शुरू हुए तो पुलिस ने पूरी जिम्मेदारी और मजबूती के साथ काम किया।
दोनों पक्षों के लोगों पर हुए मुकदमे
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि उन सभी लोगों पर कार्रवाई की गई जिनके पास हथियार थे और हथियार बरामद हुए हैं। दंगा करने और हत्या के प्रयास के मुकदमे दोनों पक्षों के लोगों पर किए गए हैं। एक वीडियो से पता चलता है कि क्षेत्र में निकल रही एक यात्रा में सदस्यों, यहां तक कि अवयस्कों के पास भी हथियार थे, वहीं देर शाम एक बड़ी भीड़ तलवारें आदि लेकर सड़कों पर उतर आई।
मंजूरी के बिना यात्रा के निकलने सवाल पर पाठक ने कहा, “तीसरी यात्रा की मंजूरी के लिए एक दिन पहले ही अनुरोध मिला था और हम मंजूरी नहीं दे सके। लेकिन उस दिन लोग पहले ही जमा हो गए। पुलिस ने उन्हें यात्रा नहीं निकालने के लिए मनाया। लेकिन यात्रा शुरू हो गई और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने साथ में एक पुलिस दल भेजा।”
उन्होंने वादा किया कि कानून को हाथ में लेने वाले सभी असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी।
समझा जाता है कि जहांगीपुर हिंसा के कम से कम पांच आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) लगाया गया है। पाठक ने जांच में पक्षपात के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, दोनों पक्षों के लोगों पर कार्रवाई की गई है।