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Mahakumbh 2025: महाशिवरात्रि पर संगम में आस्था की डुबकी, प्रयागराज में गाड़ियों की नो एंट्री, VIP स्नान पर भी रोक

Mahakumbh 2025: महाकुंभ का 45 दिवसीय भव्य आयोजन महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ संपन्न हो रहा है। 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित है, और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष स्नान व्यवस्था लागू की गई है

अपडेटेड Feb 26, 2025 पर 10:56 AM
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Mahakumbh 2025: संगम पर स्नान करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, 45 दिनों का महाकुंभ, आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर संगम में अंतिम पवित्र स्नान के साथ संपन्न हो रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन में अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर समाज के हर वर्ग के लोगों ने श्रद्धा के साथ स्नान कर पुण्य अर्जित किया। महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का भव्य संगम भी है। महाशिवरात्रि के दिन होने वाले अंतिम स्नान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के विशेष इंतजाम किए हैं।

मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात प्रबंधन और नो-व्हीकल ज़ोन जैसी व्यवस्थाएं लागू की गई हैंश्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ यह पवित्र आयोजन अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है।

श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब


महाशिवरात्रि के अवसर पर अंतिम स्नान के लिए संगम पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि स्नान पर्व शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हो सके। सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए शहर के शिवालयों और महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर

अंतिम स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि मेला क्षेत्र और प्रमुख शिवालयों में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जाएं ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्नान व्यवस्था

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ पुलिस ने ऐसा विशेष स्नान प्लान तैयार किया है जिससे वे अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान कर सकें। अलग-अलग दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष घाट निर्धारित किए गए हैं:

दक्षिणी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु – संगम द्वार ऐरावत घाट

उत्तरी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु – संगम हरिशचंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट

परेड क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु – भरद्वाज घाट, नागवासुकि घाट, मोरी घाट, काली घाट, रामघाट और हनुमान घाट

अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु – संगम द्वार अरैल घाट

भीड़ के दबाव के अनुसार पांटून पुलों का संचालन किया जाएगा ताकि श्रद्धालु बिना किसी दिक्कत के स्नान कर सकें।

मेला क्षेत्र बना नो-व्हीकल जोन

श्रद्धालुओं की सुविधा और सुचारू यातायात व्यवस्था के लिए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है। प्रयागराज के पुलिस आयुक्त तरुण गाबा ने बताया कि मंगलवार शाम 6 बजे से किसी भी वाहन के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि यातायात नियमों और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि महाशिवरात्रि और महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व को शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।

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MoneyControl News

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First Published: Feb 26, 2025 10:36 AM

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