Get App

Mahakumbh 2025: कभी सोचा है गंगा में प्रवाहित नारियल का क्या होता है? सच जानकर रह जाएंगे हैरान

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ अपने अंतिम चरण में है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हो रही। गंगा में प्रवाहित नारियल और सिक्कों को घाटों पर मौजूद नाविक निकालकर दोबारा बेच देते हैं। इस खुलासे से लोग हैरान हैं। अब तक 55.56 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं, और संख्या लगातार बढ़ रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 22, 2025 पर 1:33 PM
Mahakumbh 2025: कभी सोचा है गंगा में प्रवाहित नारियल का क्या होता है? सच जानकर रह जाएंगे हैरान
Mahakumbh 2025: गंगा में प्रवाहित नारियल का क्या है राज?

प्रयागराज में महाकुंभ अपने अंतिम दौर में है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। बस 7 दिन बाद यह भव्य आयोजन समाप्त हो जाएगा, लेकिन गंगा स्नान के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लाखों लोग हर दिन संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं, घाटों पर घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चारण से माहौल भक्तिमय हो गया है। यहां हर ओर आस्था का नज़ारा देखने को मिल रहा है—कोई गंगा जल भर रहा है, तो कोई दीप प्रवाहित कर रहा है।

संतों की प्रवचन सभाएं, अखाड़ों की भव्य आरती श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव दे रही है। अब तक 55.56 करोड़ से ज्यादा लोग गंगा स्नान कर चुके हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसा लग रहा है कि समापन से पहले यह महाकुंभ एक नया इतिहास रच देगा!

गंगा में प्रवाहित नारियल का राज

गंगा में स्नान के दौरान श्रद्धालु पूजा सामग्री, माता की चुनरी और नारियल प्रवाहित करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन नारियलों का क्या होता है? इस सवाल का जवाब आपको चौंका सकता है। जैसे ही श्रद्धालु नारियल गंगा में प्रवाहित करते हैं, घाटों पर मौजूद कुछ नाविक गोता लगाकर इन्हें निकाल लेते हैं। बाद में ये नारियल पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को आधे दाम में बेच दिए जाते हैं। इस तरह एक ही नारियल कई बार गंगा में प्रवाहित किया जाता है और फिर से बेचा जाता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें