Vinai Kumar Saxena: पहली बार कॉरपोरेट जगत से जुड़े किसी शख्स को मिली दिल्ली के LG पद की जिम्मेदारी, जानें कैसा रहा अब तक का सफर

विनय कुमार सक्सेना उपराज्यपाल पद के लिए चुने गए पहले कॉर्पोरेट व्यक्ति हैं, तीन दशकों से अधिक के विशाल अनुभव के साथ भारतीय कॉर्पोरेट और सामाजिक क्षेत्र में वे जाना-माना नाम हैं

अपडेटेड May 24, 2022 पर 12:27 PM
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सक्सेना ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) का नेतृत्व किया है

विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) को दिल्ली का नया उपराज्यपाल (Lieutenant-Governor, LG) नियुक्त किया गया है। अनिल बैजल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते इस्तीफा दे दिया था। विनय सक्सेना अब अनिल बैजल की जगह लेंगे

आपको बता दें कि तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग के अचानक इस्तीफा देने के बाद 1969 बैच के IAS अधिकारी बैजल को दिसंबर 2016 में दिल्ली का 21वां उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था।

विनय कुमार सक्सेना के बारे में 10 बड़ी बातें


- विनय कुमार सक्सेना उपराज्यपाल पद के लिए चुने गए पहले कॉरपोरेट वर्ल्ड से जुड़े शख्स हैं। तीन दशकों से अधिक के विशाल अनुभव के साथ भारतीय कॉर्पोरेट और सामाजिक क्षेत्र में वे जाना-माना नाम हैं। सक्सेना का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट किया था। सक्सेना के पास पायलट का लाइसेंस भी है।

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- सक्सेना ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) का नेतृत्व किया है। उनके अधीन यह आयोग देश का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सरकारी संस्थान घोषित किया गया था। सक्सेना का तकनीकी, कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक कौशल के साथ संयुक्त सामाजिक और कॉर्पोरेट मामलों में उनका खास दखल रहा है। उनको कॉर्पोरेट वैज्ञानिक कहा जाता है।

- विनय कुमार सक्सेना ने 1984 में जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में एक सहायक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था। व्हाइट सीमेंट प्लांट के लिए 11 साल तक काम करने के बाद उन्हें 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख के लिए जनरल मैनेजर बनाया गया था।

- परियोजना में काम करने के बाद वे जल्द ही CEO बन गए और बाद में धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर बनाए गए। उन्होंने 1991 में अहमदाबाद में व्यापक रूप से पहचान बनाने वाले एनजीओ नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज (NCCL) की स्थापना की।

- अक्टूबर 2015 में सक्सेना को KVIC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वहां उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में पहली बार 'हनी मिशन', 'कुम्हार सशक्तिकरण योजना' और 'चमड़ा कारीगार' जैसी कई नवीन रोजगार-सृजन योजनाओं को लागू किया। सक्सेना के नेतृत्व में KVIC के कारोबार में 248% की भारी वृद्धि हुई, जबकि केवल सात साल में बड़े पैमाने पर 40 लाख नए रोजगार सृजित हुए।

- सक्सेना के कार्यकाल के दौरान, KVIC ने पहली बार 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक कारोबार किया, जो KVIC और भारत में अब तक की किसी भी FMCG कंपनी का सबसे अधिक कारोबार है। उन्होंने खादी को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

- 5 मार्च, 2021 को सक्सेना को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। इससे पहले नवंबर 2020 में उन्हें वर्ष 2021 के लिए उच्चाधिकार प्राप्त पद्म पुरस्कार चयन समिति का सदस्य नामित किया गया था।

- 2016 से 2022 तक सक्सेना को "प्रधानमंत्री पुरस्कार" के मूल्यांकन के लिए हर साल 'अधिकार प्राप्त समिति' का सदस्य नामित किया गया। 9 सितंबर, 2020 को उन्हें तब प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की "शासी परिषद" का सदस्य नामित किया गया था।

- राष्ट्रपति ने 18 मार्च 2019 को सक्सेना को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के यूनिवर्सिटी कोर्ट का सदस्य नामित किया।

- अपनी छह दशक की यात्रा के दौरान सक्सेना ने अपनी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं। मई 2008 में उन्हें गुजरात में "पर्यावरण संरक्षण और जल सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान" के लिए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास दशक (UNDESD)का अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला।

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First Published: May 24, 2022 11:26 AM

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