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गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड...Breakup के बाद किसे पड़ता है ज्यादा असर, वेलेंटाइन वीक में प्यार इजहार करने से पहले पढ़ लें ये खबर

फरवरी को लव मंथ या प्यार का महीना कहा जाता है। लेकिन कई जोड़े ऐसे भी होते हैं जिनकी जिंदगी में प्यार के खूबसूरत एहसास के साथ दिल टूटने का दर्द भी आता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाएं अधिक इमोशनल होती हैं और ब्रेकअप में सबसे ज्यादा फर्क उन्हें ही पड़ता है, पर असल में ऐसा नहीं है। एक नई स्‍टडी में हैरान कर देने वाली बात पता चली है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 03, 2025 पर 9:22 PM
गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड...Breakup के बाद किसे पड़ता है ज्यादा असर, वेलेंटाइन वीक में प्यार इजहार करने से पहले पढ़ लें ये खबर
Breakup के बाद किसे पड़ता है ज्यादा असर

Valentine's Week : कहते हैं प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, उसी तरह प्यार करने के लिए कोई दिन और तारीख भी फिक्स नहीं होती। प्यार करने के लिए तो बस इंसानों के बीच जज्बातों के मेल खाने की ही देर होती है। प्यार करने वालों प्यार करने के लिए कोई दिन, सप्ताह या महीना नहीं होता पर उनके के लिए बसंत यानी फरवरी का महीना खास होता है। फरवरी को लव मंथ या प्यार का महीना कहा जाता है। लेकिन कई जोड़े ऐसे भी होते हैं जिनकी जिंदगी में प्यार के खूबसूरत एहसास के साथ दिल टूटने का दर्द भी आता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाएं अधिक इमोशनल होती हैं और ब्रेकअप में सबसे ज्यादा फर्क उन्हें ही पड़ता है, पर असल में ऐसा नहीं है। जब र‍िश्‍ता टूटता है तो महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को फर्क पड़ता है।

Breakup के बाद किसे पड़ता है ज्यादा असर

हाल ही में एक नई स्टडी ने इस विषय पर चौंकाने वाला खुलासा (Who Hurts More After A Breakup Study) किया है। कई बार यह माना जाता है कि रिश्ता टूटने के बाद पुरुष जल्दी आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, यह सोच सही नहीं है। Behavioural and Brain Sciences में छपी इस स्टडी के मुताबिक, ब्रेकअप के बाद पुरुषों को अधिक इमोशनल और मेंटल परेशानी होती है।

इस नई स्टडी में यह पाया गया कि, किसी भी रिलेशनशिप में गर्लफ्रेंड से ज्यादा बॉयफ्रेंड अपने पार्टनर से अधिक इमोशनल सपोर्ट और नजदीकी की उम्मीद करते हैं। जब रिश्ता टूटता है, तो बॉयफ्रेंड यानी ज्यादा प्रभावित होते हैं। दूसरी ओर, महिलाएं कम प्रभावित होती हैं क्योंकि उनके पास परिवार और दोस्तों का अच्छा सपोर्ट होता है। महिलाएं अपनी भावनाओं के बारे में आसानी से बात कर सकती हैं, जबकि पुरुषों को अपनी भावनाओं को दबाने और अकेले रहने की आदत होती है।

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