Nitin Gadkari : सरकार ने भारत में सड़क हादसों के मामले (road accident cases) 2024 तक आधे करने का लक्ष्य तय किया है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से ‘ब्लैक स्पॉट्स’ खत्म करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
सड़क हादसों में होने वाली कुल मौतों में भारत की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा
वर्ल्ड बैंक (World Bank Report) की 2021 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों में मौतों के मामलों से जुड़ी देशों की सूची में भारत खासा ऊपर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में सड़क हादसों में हुई मौतों में भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
भारत में हर साल मरते हैं 1.5 लाख
केंद्रीय मंत्री ने भारत में सड़क हादसों जुड़े अधिकारिक डाटा के बारे में बताते हुए भारत की कुछ ऐसी ही स्थिति बयां की। गडकरी ने कहा कि हर साल लगभग पांच लाख सड़क हादसों में 1.5 लाख लोगों की जान चली जाती है और तीन लाख से अधिक घायल होते हैं। 2024 के अंत तक दुर्घटनाओं और मौतों को 50 फीसदी तक कम करने की योजना है।
ब्लैकस्पॉट हटाने के लिए खर्च किए 25 हजार करोड़
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने राजमार्गों पर ब्लैकस्पॉट (जहां कई दुर्घटनाएं हुई हैं) को हटाने के लिए अब तक 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की मदद से सरकार 15,000 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से धन भी राज्य सरकारों को दिया जाएगा ताकि बाद में भी ब्लैकस्पॉट सुधार के उपाय किए जा सकें।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, ब्लैकस्पॉट राष्ट्रीय राजमार्ग पर 500 मीटर के उस हिस्से को कहा जाता है, जहां या तो तीन साल में पांच सड़क हादसे हुए हों या इसी अवधि में 10 मौतें हुई हों।