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भारत के इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता इनकम टैक्स, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां के लोगों को टैक्स नहीं देना होता है। मौजूदा समय में भारत में दो तरह के टैक्स रिजीम हैं। जिनमें से एक टैक्स रिजीम को साल 2022 के बजट में इंट्रोड्यूस किया गया था। पुराने टैक्स रिजीम के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये या इससे ज्यादा है तो आपको इनकम टैक्स देना होगा। वहीं नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये या इससे ज्यादा है तो आपको टैक्स चुकाना होगा

अपडेटेड Feb 12, 2023 पर 9:02 AM
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भारत के इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता इनकम टैक्स, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

भारत में एक तय सीमा से अधिक कमाई करने वालों को इनकम टैक्स देना होता है। मौजूदा समय में भारत में दो तरह के टैक्स रिजीम हैं। जिनमें से एक टैक्स रिजीम को साल 2022 के बजट में इंट्रोड्यूस किया गया था। पुराने टैक्स रिजीम के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये या इससे ज्यादा है तो आपको इनकम टैक्स देना होगा। वहीं नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये या इससे ज्यादा है तो आपको टैक्स चुकाना होगा। हालांकि भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां के लोगों को टैक्स नहीं देना होता है।

इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता है टैक्स

भारत के पूर्वोत्तर हिस्से के राज्य सिक्किम के लोगों को टैक्स न भरने की छूट मिली हुई है। सिक्किम के 95 फीसदी लोगों को टैक्स नहीं देना होता है। इस राज्य के लोगों को भारत संघ में विलय के साथ ही वहां के लोगों को टैक्स न भरने की छूट दी गई थी। बता दें कि पूर्वोत्तर के अधिकतर राज्यों को भारतीय संविधान के आर्टिकल 371A के तहत विशेष दर्जा मिला है। जिस वजह से पूर्वोत्तर के कई सारे राज्यों में दूसरे राज्य के लोगों के प्रॉपर्टी खरीदने पर पाबंदी लगी हुई है। सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम की धारा, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत इनकम टैक्स से छूट हासिल है।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मिली हुई है ये छूट

इनकम टैक्स एक्ट के तहत सिक्किम राज्य के मूल निवासियों को इनकम टैक्स भरने से छूट मिली हुई है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत यह छूट मिली हुई है। पहले यह छूट केवल उन लोगों को दी जाती थी जो नागरिकता संशोधन आदेश, 1989 के तहत सिक्किम राज्य के मूल निवासी थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में उन लोगों को भी सिक्किम का मूल निवासी मान लिया जो 26 अप्रैल 1975 यानि सिक्किम के भारत में विलय से एक दिन पहले तक इस राज्य के निवासी थे। जिसके बाद से इस राज्य की लगभग 95 फीसदी आबादी टैक्स के दायरे से बाहर हो गई।

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