Plastic Bottles: आजकल प्लास्टिक का उपयोग हर जगह हो रहा है। खासतौर से पानी को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक की बोतलों में ज्यादा किया जाता है। एक या 2 लीटर की पेप्सी, कोक, लिम्का की बोतल का उपयोग महीनों के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं मिनरल वाटर की बोतल का भी लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा रहा है। आम तौर पर हर घर और दफ्तर में प्लास्टिक की बोतल पानी के लिए उपयोग में लाई जाती है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने इस बोतल में पानी न पिया हो। ज्यादातर घरों के फ्रिज में पानी की बोतल प्लास्टिक की ही होती है। ऐसे में कैसे पता करें कि प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक है या नहीं
जब भी आप बाजार जाएं तो इन बातों को हमेशा ध्यान रखें। आपको सिर्फ अपने प्लास्टिक या फिर PET बोतल के नीचे दिए गए नंबर्स और मार्कर्स को समझना है। बता दें हर प्लास्टिक बोतल के नीचे एक अलग नंबर लिखे होते हैं। अलग मार्कर होता है। जिससे पता चलता है कि यह बोतल इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है या फिर नहीं।
इन बोतलों से पानी पीना सुरक्षित
अगर बोतल की निचले हिस्से पर 2, 4 या 5 नंबर लिखा हुआ है तो उसे खरीद लें। इन बोतलों में पानी भरना सुरक्षित रहता है। इन अंकों पर ही नहीं बल्कि, नीचे की तरफ लिखे हुए शब्दों को देखकर भी आप अपने लिए एक प्लास्टिक बोतल खरीद सकते हैं। अगर किसी भी प्लास्टिक बोतल के नीचे आपको HDPE (High Density Polyethylene), LDPE (Low Density Polyethylene) और PP (Polypropylene) जैसे लिखे हुए कोड दिखाई दें तो उन्हें भी खरीद सकते हैं। इस तरह की बोतल पानी पीने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं।
HDPE (High density polyethlene)
इस कोड वाली बोतल को बनाने में हाईडेंसिटी पॉलिथिन का इस्तेमाल किया गया है. इसे सुरक्षित माना जा सकता है। यही वजह है कि ये बोतल बार-बार यूज की जा सकती है।
LDPE (Low density polyethlene)
बोतल के नीचे यदि 4 नंबर दिया है, तो ये बोतल पूरी तरह सेफ है। यानी इसे आप बार-बार यूज कर सकते हैं। इन्हें बनाने में LDPE का यूज होता है। इसे सामान्य शॉपिंग बैग, कैचअप बोतल, ब्रेड बैग में इस्तेमाल किया जाता है।
प्लास्टिक की बोतल के नीचे अगर 5 नंबर लिखा नजर आए तो सबसे सेफ सुरक्षित कहेंगे। इस बनाने में PP (Polypropylene) का यूज होता है। आमतौर पर इसका उपयोग आइसक्रीम कप बनाने में किया जाता है। माइक्रोवेव ओवन में उपयोग वाले बर्तन, दवाओं की बोतल, दही की पैकिंग में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
PET या PETE (Polyethylene Terephthalate)
आमतौर पर प्लास्टिक की मिनरल वाटर वाली सभी बोतल के नीचे कोड के साथ PETE या PET लिखा होता है। इसका मतलब है कि बोतल में पॉलिथिलीन टेपेफथालेट केमिकल का उपयोग हुआ है। बोतल के दोबारा इस्तेमाल से ये रसायन शरीर में कैंसर रोग को जन्म दे सकते हैं। इसीलिए इन बोतल पर CRUSH THE BOTTLE AFTER USE लिखा रहता है। इन बोतल को एक्सपायरी के बाद यूज नहीं करना चाहिए।
V या PVC (Polyvinyl Chloride)
जिस बोतल के नीचे 3 नंबर का कोड लिखा रहता है। उसे बनाने में V या PVC का यूज किया जाता है। इस बोतल को इस्तेमाल करने पर कई तरह की बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है।