Donald Trump warns of 100% tariffs on India: भारत सरकार व्यापार समझौते, टैरिफ में कटौती और अमेरिका से अधिक सामान आयात करने जैसे विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ब्रिक्स समूह के देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी करेंसी को लाने के लिए कोई कदम उठाते हैं तो वह उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है। दिसंबर में ट्रंप ने भारत को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी। ट्रंप ने दिसंबर में कहा था कि भारत 'बहुत' शुल्क लगाता है।
इसके साथ ही उन्होंने कुछ अमेरिकी उत्पादों के आयात पर भारत द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ के जवाब में पारस्परिक शुल्क लगाने के अपने इरादे को भी दोहराया था। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अधिकारियों ने नए ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी कदम का मुकाबला करने के लिए विभिन्न परिदृश्यों की रूपरेखा तैयार की है।
अमेरिका से अधिक सामान खरीद सकता है भारत
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। लोगों ने कहा कि चर्चा किए गए विकल्पों में से सरकार अमेरिका से अधिक व्हिस्की, स्टील और तेल खरीद सकती है।
उन्होंने पहचान उजागर न करने का अनुरोध किया क्योंकि बातचीत निजी है। उन्होंने कहा कि भारत कुछ आयात शुल्क भी कम कर सकता है। अधिकारियों ने संभावित उत्पादों की एक लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में बोरबॉन व्हिस्की और पेकन नट्स जैसे कृषि उत्पाद शामिल है।
विचाराधीन प्रस्तावों में से एक रिपब्लिकन पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अमेरिकी राज्यों से आयातित वस्तुओं पर शुल्क कम करना है। चर्चा के तहत योजनाएं ट्रंप के साथ किसी भी टकराव से बचने के लिए भारत की बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं।
भारत किसी भी संभावित यूएस-चीन व्यापार युद्ध से भी लाभ उठाना चाहता है। 'ब्लूमबर्ग' न्यूज ने बताया कि नई दिल्ली ट्रंप प्रशासन को शांत करने में मदद करने के लिए अमेरिका से कम से कम 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार है।
व्यापार मंत्रालय के प्रवक्ता से टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का तुरंत जवाब नहीं मिला। लोगों ने कहा कि योजनाओं को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। अभी भी चर्चा चल रही है। अपने पहले दिन पदभार ग्रहण करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह 1 फरवरी तक मैक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने विकासशील देशों के ब्रिक्स समूह के देशों को टैरिफ बढ़ाने की धमकी भी दी।
इस बीच, आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को दृढ़ता से और समान उपायों के साथ ट्रंप को जवाब देना चाहिए। इसके पहले 2018 में जब अमेरिका ने भारतीय इस्पात और एल्युमीनियम पर कर लगाया था तो भारत ने भी 29 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर जवाबी कार्रवाई की थी।
श्रीवास्तव ने कहा कि अगर नया अमेरिकी प्रशासन 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे को आगे बढ़ाने का फैसला करता है, तो भारतीय निर्यातकों को वाहन, कपड़ा और औषधि उत्पादों के लिए उच्च सीमा शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा H-1B वीजा नियमों को सख्त करने पर भारतीय आईटी फर्मों की वृद्धि प्रभावित हो सकती है।