केरल के कोल्लम में 2006 में एक बिन ब्याही मां रंजिनी और उसके 17 दिन के जुड़वां बच्चों की हत्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। तीनों का गला बेरहमी से काटा गया था। रंजिनी की मां जब पंचायत ऑफिस से लौटीं, तो खून से लथपथ यह खौफनाक मंजर देखकर उनके होश उड़ गए।पुलिस ने हर संभव कोशिश की, लेकिन कातिलों का कोई सुराग नहीं मिला। मामला सीबीआई तक पहुंचा, लेकिन 19 साल तक यह केस नही सुलझा। तभी 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।
AI ने पुराने फोटो और डेटा का इस्तेमाल कर कातिलों की पहचान की। इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से मिलाकर पुलिस को बड़ी सफलता मिली।यह केस साबित करता है कि तकनीक की मदद से सबसे पुराने और मुश्किल मामले भी सुलझाए जा सकते हैं।
प्रेम, धोखा और खौफनाक साजिश
रंजिनी का अफेयर सेना के जवान डिविल कुमार से था। गर्भवती होने के बाद रंजिनी ने गर्भपात कराने से इनकार कर दिया, जिससे दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। इसी दौरान डिविल के दोस्त राजेश ने अनिल कुमार बनकर रंजिनी से दोस्ती की। उसने मदद के बहाने रंजिनी को एकांत में रहने के लिए किराए का घर दिलाया। 10 फरवरी 2006 को, उसने रंजिनी की मां को पंचायत ऑफिस भेजा और उसी दौरान मां और दोनों बच्चों की हत्या कर दी।
AI ने सुलझाया 19 साल पुराना केस
पुलिस ने क्राइम सीन से मिली जानकारी के आधार पर जांच शुरू की, लेकिन दोनों आरोपी—डिविल और राजेश—पठानकोट स्थित सेना कैंप से फरार हो गए। 19 साल बाद पुलिस ने AI की मदद से उनकी पुरानी तस्वीरों को अपडेट किया और सोशल मीडिया पर खोज शुरू की। फेसबुक पर एक शादी की तस्वीर से सुराग मिला, जिसमें चेहरों का 90% मिलान हुआ। इसके आधार पर 4 जनवरी 2025 को दोनों आरोपियों को पुडुचेरी से गिरफ्तार कर लिया गया। जहां वे नई पहचान के साथ इंटीरियर डिजाइन का काम कर रहे थे और शादीशुदा जीवन जी रहे थे।