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Ram Navami 2024: भगवान राम के नाम पर कैसे पड़ा रामनवमी नाम? जानिए इसका इतिहास और महत्व

Ram Navami 2024 Significance: सनातन धर्म में राम नवमी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्री राम का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल राम नवमी आज 17 अप्रैल को मनाई जा रही है। त्रेता युग में भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। आइये जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन को राम नवमी क्यों कहा जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 17, 2024 पर 9:59 AM
Ram Navami 2024: भगवान राम के नाम पर कैसे पड़ा रामनवमी नाम? जानिए इसका इतिहास और महत्व
Ram Navami 2024: श्री राम स्वयं भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। भक्तों के दुख दूर करने और दुष्टों का अंत करने के लिए श्रीराम त्रेता युग में इसी दिन पैदा हुए थे।

Ram Navami 2024: राम नवमी का दिन बेहद खास होता है। इस दिन को प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। आज (17 अप्रैल 2024) देश भर में रामनवमी मनाई जा रही है। इस साल अयोध्‍या में राम मंदिर बन जाने के बाद रामनवमी और भी खास हो गई है। लोगों के मन में रामनवमी को लेकर उत्‍सुकता और बढ़ गई है। अयोध्‍या के राम मंदिर में इस साल रामनवमी के अवसर पर भगवान रामलला का सूर्य तिलक का जाएगा। त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी को भगवान राम का जन्‍म हुआ था। इस साल अयोध्‍या नगरी भगवान राम के जन्‍मोत्‍सव को धूमधाम से मनाने के लिए सज चुकी है और एक बार फिर यहां भगवान राम आएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार राम नवमी इस बार 16 अप्रैल को दोपहर में 1.23 बजे से शुरू हो चुकी है। यह 17 अप्रैल को दोपहर 3.14 बजे तक रहेगी। ऐसे में रामनवमी का पर्व आज 17 अप्रैल को मनाया जा रहा है। राम नवमी के दिन ही चैत्र नवरात्रि का समापन भी हो जाता है।

रामनवमी क्यों मनाई जाती है?

हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक, इस दिन त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने मर्यादा-पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का अवतार लिया था। जिस दिन राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था। उस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी। श्रीराम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए थे। इस तिथि को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामायण और रामचरित मानस जैसे तमाम धर्मग्रंथों में किया गया है। बता दें कि श्री राम स्वयं भगवान विष्णु का सातवां अवतार थे। भक्तों के दुख दूर करने और दुष्टों का अंत करने के लिए श्रीराम त्रेता युग में इसी दिन पैदा हुए थे।

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