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Shaheed Diwas: जब आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी गई थी फांसी

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था

अपडेटेड Mar 23, 2022 पर 11:48 AM
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तीनों महान स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है

Shaheed Diwas: देश और दुनिया के इतिहास में वैसे तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं, लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु एवं सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। महान स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को आज ही के दिन ब्रिटिश शासन ने 91 साल पहले फांसी पर लटका दिया था।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान साल 1931 में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को फांसी दी गई थी। इस दिन को क्रांतिकारियों के सम्मान में शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के रूप में मनाया जाता है।

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भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। इसलिए, उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

23 मार्च, 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में दी गई थी फांसी

तीन युवकों को 23 मार्च, 1931 को लाहौर की लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी। उस वक्त भगत सिंह सिर्फ 23 साल के थे, जबकि उनके साथी राजगुरु और सुखदेव भी क्रमशः 22 और 23 वर्ष के थे। उनके शवों का सतलुज नदी के तट पर गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया गया था।

इससे एक महीने पहले स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मौत के जवाब में दिसंबर 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेपी सॉन्डर्स की हत्या के लिए उन्हें दोषी पाया गया था। जिस मुकदमे के कारण अंततः तीनों को फांसी दी गई, उसे लाहौर षडयंत्र केस कहा गया।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के बन गए लोक नायक

भगत सिंह के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ नाटकीय हिंसा की घटनाओं ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का लोक नायक बना दिया। उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को विभाजन पूर्व भारत के पंजाब प्रांत के बंगा गांव में हुआ था। राजगुरु का जन्म वर्तमान महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेड़ में हुआ था। उनके सम्मान में शहर का नाम बदलकर राजगुरुनगर कर दिया गया। जबकि सुखदेव का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था।

शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में विप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एक सभा को संबोधित भी करेंगे। पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में शहीद दिवस के दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।

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