Esther Anuhaya Rape-Murder Case: मुंबई की सॉफ्टवेयर इंजिनियर ईस्टर अनुह्या के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले के दोषी चंद्रभान सानप को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को मौत की सजा पाए कैदी चंद्रभान सनप को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सनप को 23 वर्षीय टेक्निकल एक्सपर्ट के बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। सनप को 2015 में एक विशेष महिला अदालत ने इस जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया था और मौत की सजा सुनाई थी।
सनप ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील करके अपनी मौत की सजा को चुनौती दी थी। लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई थी। हाई कोर्ट के फैसले के बाद वह सुप्रीम कोर्ट चला गया। अब शीर्ष अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले में कमियों का हवाला देते हुए उसकी सजा को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सनप को तुरंत रिहा करे।
मुंबई की एक प्रमुख आईटी फ़र्म में कार्यरत 23 वर्षीय सॉफ़्टवेयर पेशेवर के बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीमकोर्ट ने नीचली अदालत द्वारा सुनाए गए मौत की सजा पर सुनवाई करते रोक लगते हुए हुए बरी कर दिया है।
ईस्टर मूल रूप से आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम की रहने वाली थी। क्रिसमस की छुट्टियों में वह अपने घर गई थी। फिर छुट्टियां खत्म होने के बाद वह 5 जनवरी, 2015 को ट्रेन से कुर्ला के लोकमान्य तिलक टर्मिनस वापस लौटी। स्टेशन के बाहर उसकी मुलाकात सनप से हुई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 जनवरी, 2014 को पीड़िता अपने माता-पिता से मिलने के बाद आंध्र प्रदेश में अपने पैतृक स्थान से उपनगरीय मुंबई में लोकमान्य तिलक टर्मिनस रेलवे स्टेशन पहुंची। सुबह करीब 5 बजे वह स्टेशन के बाहर सनप से मिली। उसने उसे 300 रुपये के बदले में अपनी मोटरसाइकिल पर उपनगरीय अंधेरी में वाईडब्ल्यूसीए छात्रावास छोड़ने की पेशकश की। वह वहीं पर रहती थी।
वह उसकी पेशकश पर सहमत हो गई। हालांकि, रास्ते में सनप उसे कांजुरमार्ग के पास एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया और उसे मार डाला। अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसने उसके शव को आंशिक रूप से जला दिया और उसे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास झाड़ियों में फेंक दिया। उसका शव उसी साल 14 जनवरी को पीड़िता के परिवार को मिला।