T20 World Cup: बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नुरूल हसन (Nurul Hasan) ने भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) पर फर्जी फील्डिंग (Fake Fielding) का आरोप लगाया है। हसन ने कहा कि ग्राउंड पर मौजूद अंपायरों ने इस घटना को नहीं देखा। इस वजह से उनकी टीम को टी20 विश्व कप के अहम मुकाबले में 5 संभावित पेनल्टी रनों से महरूम रहना पड़ा। इस आरोप के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई है। घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। बता दें कि बुधवार को बारिश के कारण जीत के लिए 16 ओवर में 151 रन के संशोधित लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश टीम 5 रन से हार गई।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान शाकिब अल हसन ने हार को स्वीकार किया। हालांकि, आखिरी ओवर में अर्शदीप सिंह को एक छक्का और एक चौका जड़कर बांग्लादेश को मैच में बनाए रखने वाले नुरूल ने ग्राउंड पर मौजूद अंपायरों की आलोचना की। उन्होंने मिश्रित जोन में बंगाली में कहा कि आउटफील्ड गीली होने से काफी फर्क पड़ा। एक फर्जी थ्रो भी था, जिससे हमें 5 रन मिलने चाहिए थे लेकिन मिले नहीं।
दरअसल, नुरूल सातवें ओवर की घटना का जिक्र कर रहे थे। वीडियो रिकॉर्डिंग में दिखाया गया कि अर्शदीप ने डीप से गेंद फेंकी और नुरूल का कहना है कि प्वाइंट पर खड़े कोहली ने उसे पकड़कर रिले थ्रो से दूसरे छोर पर फेंकने का एक्शन किया। दोनों बल्लेबाजों लिटन दास और नजमुल हुसैन शांतो ने कोहली की तरफ देखा भी नहीं, जिससे नुरूल के इस तर्क पर सवाल उठते हैं। खबर के आखिरी में एक वीडियो है जिसे देखकर आप पूरा मामला समझ जाएंगे।
हर्षा भोगले ने बांग्लादेशी क्रिकेटरों को दी सलाह
नुरूल हसन के इस आरोप के बाद दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले (Harsha Bhogle) ने ट्वीट कर अपनी राय दी है। हर्षा ने ट्वीट कर लिखा है कि विराट कोहली को ऐसा करते हुए किसी ने नहीं देखा है और नाही किसी अंपायर ने देखा। ऐसे में कैसे कोई इसपर एक्शन ले सकता है।
भोगले ने लिखा, "फेक फील्डिंग वाले विवाद की बात करें तो सच यह है कि ये किसी ने नहीं देखा। ना अंपायर्स ने, ना बल्लेबाजों ने और ना ही हमने... नियम 41.5 ऐसे मामलों में 5 रनों की पेनाल्टी लगाने का जिक्र करता है (इसमें भी अंपायर्स पर चीजें निर्भर करती हैं) लेकिन जब किसी ने नहीं देखा तो आप क्या करेंगे।"
उन्होंने आगे, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस तरह की शिकायत करेगा कि ग्राउंड काफी गीला था। शाकिब ने सही बताया था कि ऐसे मामलों में चीजें बल्लेबाजी कर रही टीम के पक्ष में जाती हैं। अंपायर्स और क्यूरेटर्स का काम मैच को चालू रखना था, जबतक कि हालात बिल्कुल बदतर नहीं हो जाते हैं। उन्होंने अपने काम को बखूबी निभाया और कम से कम समय नष्ट होने दिया।"
भोगले ने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा, "तो इसलिए, बांग्लादेश के मेरे दोस्तों, फेक फील्डिंग या गीले मैदान को लक्ष्य तक ना पहुंचने का बहाना ना बनाएं। अगर एक बल्लेबाज भी आखिर तक टिकता तो बांग्लादेश मैच जीत सकता था। हम सब इसके दोषी हैं, जब हम बहाना ढूंढते हैं बड़े नहीं होते हैं।"
ICC की खेलने की शर्तों के नियम 41.5 के अनुसार फील्डिंग करने वाली टीम बल्लेबाज को जान बूझकर बाधा नहीं पहुंचा सकती या उसका ध्यान नहीं भटका सकता। अगर अंपायर को ऐसा लगता है कि किसी खिलाड़ी ने नियम तोड़ा है तो वह डैड बॉल घोषित करके पेनल्टी के 5 रन दे सकते हैं।
चूंकि शांतो और लिटन ने विराट कोहली की तरफ देखा भी नहीं तो उनका ध्यान भटकने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी आशंका है कि मैच अधिकारियों की आलोचना के कारण नुरूल को सजा मिल जाए।