UP News: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक और मंत्री अक्सर अफसरों एवं थानेदारों के खिलाफ फोन नहीं उठने की शिकायत करते रहे हैं। यूपी विधानसभा में मामला उठने के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी समय-समय पर अफसरों को माननीयों का फोन उठाने के निर्देश जारी करते रहते हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों पर इसका कोई खास असर नहीं दिखता है। ताजा मामला कानपुर से सामने आया है, जहां अफसर तो छोड़िए थानेदार भी मंत्रियों के फोन नहीं उठाते। यूपी की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला कानपुर के बर्रा थाना अध्यक्ष को फोन मिलाते-मिलाते थग गईं, लेकिन थानेदार ने कोई जवाब नहीं दिया। अधिकारी ने जब फोन नहीं उठाया तो राज्यमंत्री खुद दलबल के साथ थाने पहुंच गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार 29 दिसंबर को कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एक बीजेपी कार्यकर्ता को पीटने के मामले में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने थानेदार को फोन किया। एक बार नहीं बल्कि उन्होंने छह-छह बार कॉल की। लेकिन थानेदार साहब ने फोन नहीं उठाया। मंत्री प्रतिभा शुक्ला को लगा कि कोतवाल के पास उनका फोन उठाने का वक्त नहीं है तो वो खुद उनसे मिलने पहुंच थाने पहुंच गईं।
मंत्री के थाने पहुंचने की सूचना जैसे ही अधिकारियों को मिली तो वे गिरते-पड़ते पहुंचे। सीनियर अधिकारियों ने बीजेपी कार्यकर्ता को पीटने वाले बदमाश की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया। साथ ही थानेदार को चेतावनी दी और किसी तरह मामला शांत कराया। राज्यमंत्री ने थानेदार को जमकर फटकार लगाई और इसकी शिकायत SP से भी की है। पुलिस कमिश्नर ने थानेदार के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। कानपुर पुलिस ने कहा है कि जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
'जी न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर के बर्रा इलाके के जरौली में रहने वाले बीजेपी नेता महेश तिवारी के रिश्तेदार ने प्रॉपर्टी का काम करने वाले विकास पाल से एक प्लॉट खरीदा था। हालांकि, बाद में पता चला कि वह प्लॉट अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति का है। इस पर तिवारी के रिश्तेदानों ने प्लाट के रुपये वापल मांगे। लेकिन प्रॉपर्टी डीलर विनोद ने पैसे देने से इनकार कर कर दिया। इसके बाद बीजेपी नेता महेश ने प्रॉपर्टी डीलर को फोन किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेता महेश ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि प्रॉपर्टी डीलर विनोद ने उनको अपने गेस्टहाउस बुलाकर दबंगों के साथ मिलकर जमकर पिटाई कर दी। बाद में पीड़ित महेश अपने बेटे के साथ थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया। इसके बाद मामला राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला तक पहुंची।
मंत्री ने बर्रा थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर पर रविवार शाम को छह बार फोन किए, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। बाद में कंट्रोल रूम में सूचना देने के साथ ही उनके पति अनिल शुक्ला वारसी ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। इसके बाद मंत्री काफिले के साथ खुद थाने पहुंच गईं।