बदलते मौसम में बढ़ सकता है वायरल फीवर समेत कई बीमारियों का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव

बदलते मौसम में वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। जिससे सर्दी, खांसी-जुकाम, बुखार जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे धीरे-धरे मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता है। जिससे डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों मलेरिया और टाइफाइड के मामले में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में इनसे बचाव करना बेहद जरूरी है

अपडेटेड Feb 28, 2023 पर 12:22 PM
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वायरल फीवर से बचने के लिए इम्यूनिटी मजबूत होनी चाहिए

सर्दी की अब धीरे-धीरे विदाई होने लगी है। सुबह-शाम के वक्त को छोड़ दें तो दिन में अब गर्मी होने लगी है। बहुत से लोगों ने मोटे कंबल और जैकेटों को अलमारी में बंद करना भी शुरू कर दिया है। डॉक्टरों का भी मानना है कि यह नरम-गरम मौसम बीमारियां वाला होता है। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। जिससे सर्दी, खांसी-जुकाम, बुखार, गले में दर्द जैसी बीमारियां पनपने लगती हैं। इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से बढ़ने लगता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। वायरल इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है।

यह आमतौर पर 5-7 दिनों में खत्म हो जाता है। यह कोई गंभीर बीमारी नही है। इसमें तेज बुखार, उल्टियां, सिर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी और हर समय की थकान जैसे लक्षण नजर आने लगता है। इससे बचाव के लिए काफी सावधान रहने की जरूरत है।

इन बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा


बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन बहुत कॉमन बीमारी है। ये ऐसे लोगों को अधिक होता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसमें साधारण खांसी, जुकाम और बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन शामिल हैं। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन, पेट का इंफेक्शन और पैरों के इंफेक्शन आदि भी शामिल होते हैं। इसमें टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को परेशानी होने लगती है। इस वक्त मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता है। चिकनगुनिया मादा एडीज मच्छर के काटने से पैदा होता है। इस मच्छर के काटने से करीब 3 से 7 दिन के बाद चिकनगुनिया के लक्षण मरीज में दिखाई देने लगते हैं।

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ऐसे करें बचाव

वायरल फीवर से से बचने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स काफी फायदेमंद होते हैं। जिससे बॉडी को मिनिरल्स, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिंस की अच्छी मात्रा होती है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल और सरसों कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इससे वायरल फीवर जैसी मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।

नट्स

नट्स मे हेल्दी फैट्स के साथ प्रोटीन, सेलेनियम, विटामिन A, विटामिन E जैसे कई पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं। जिससे बॉडी को एनर्जी देने के साथ बीमारियों से बचाव भी होता है।

सूप

सूप विटामिन, मिनिरल्स और प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स होते हैं। जिससे मरीज को लंबे समय तक हाइड्रेटेड रहने में मदद करते हैं। सूप एक लाइट फूड है जिसे डाइजेस्ट करना आसान होता है।

संतरे

शरीर की इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए बॉडी में विटामिन-C का होना जरूरी होता है। संतरे और कीनू में भरपूर मात्रा में विटामिन- C मिलती है। इससे कोशिकाएं डेड नहीं होती हैं। संतरा खाने से एनीमिया से लड़ने में मदद मिलती है।

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