दुनिया भर में बज रहा UPI का डंका, जानिए कैसे बना NPCI फिनटेक कंपनियों के ताज का हीरा

एनपीसीआई का मालिकाना हक बैंकों और दूसरी भुगतान कंपनियों के पास है। एक गैर-लाभकारी संगठन होने के नाते, एनपीसीआई ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट बनाने और अधिक फीचर्स जोड़ने के लिए अपने सभी मुनाफे का निवेश कर रही है। हाल के दिनों में ये संगठन ऑफ़र और पार्टनरशिप के जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड के दायरे का विस्तार करने और यूपीआई के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर फोकस कर रहा है

अपडेटेड Sep 07, 2023 पर 6:08 PM
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भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार के सपोर्ट से UPI ने बड़े पैमाने पर प्रगति की है। इस प्लेटफ़ॉर्म ने पहली बार अगस्त 2023 में 10 अरब से ज्यादा मासिक लेनदेन दर्ज किए हैं

इस हफ्ते नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India (NPCI) ने अपने रीयल-टाइम पेमेंट प्लेटफॉर्म यूपीआई (UPI) के कई फीचर्स लॉन्च किए हैं। जिसके चलते इस प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाला लेनदेन प्रति माह 100 अरब तक पहुंचा सकता है। एनपीसीआई के सीईओ दिलीप अस्बे का लक्ष्य भी यही है। इन फीचर्स की बात करें तो अब UPI के जरिए कर्ज मिल सकता है। वॉयस एक्टिवेटेड यूपीआई पेमेंट मोड के जरिए अब ‘Hello UPI’बोलकर भुगतान किया जा सकेगा। इसकी तरह बिल पे कनेक्ट (BillPay Connect) के जरिए चैट आधारित संवाद करके बिल का भुगतान किया जा सकेगा।

यूपीआई टैप एंड पे (UPI Tap & Pay) फीचर के जरिए नियर फील्ड टेक्नोलॉजी (near-field communication (NFC)का इस्तेमाल करके भुगतान किया जा सकेगा। जबकि यूपीआई लाइट एक्स ( UPI Lite X) एक ऑन- डिवाइस वॉलेट फेसिलिटी है। एनपीसीआई ने यह भी दिखाया है कि कैसे कोई ग्राहक बिना कार्ड का इस्तेमाल किए यूपीआई के जरिए एटीएम से नकदी निकाल सकता है।

जिस गति से एनपीसीआई यूपीआई प्लेटफॉर्म में नए-नए फीचर्स जोड़ रहा उसे देखते हुए इंफोसिस के प्रेसीडेंट और आधार के शिल्पी नंदन नीलेकणि ने इस संगठन को भारत के फिन टेक सेक्टर के मुकुट का हीरा कहा है।


RBI और सरकार के सपोर्ट से UPI ने की प्रगति 

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सरकार के सपोर्ट से UPI ने बड़े पैमाने पर प्रगति की है। इस प्लेटफ़ॉर्म ने पहली बार अगस्त 2023 में 10 अरब से ज्यादा मासिक लेनदेन दर्ज किए हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि एनपीसीआई आरबीआई की एक ऐसी पहल का बड़ा उदाहरण है जो समय के साथ एक स्वतंत्र संगठन बन गया है। ये अपने स्वयं के फिनटेक उत्पादों को विकसित कर रहा है जो फिनटेक सेक्टर में इनोवेशन, इंटरऑप्रेबिलिटी और इन्क्लूजन को आसान बनाता है।

 एनपीसीआई को मार्च 2022 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 773 करोड़ रुपये का मुनाफा

एनपीसीआई को आरबीआई को झंडे तले ही गठित किया गया है। इसके नए फीचर्स पहले से ही स्थापित UPI, Rupay, FASTag, BBPS, NACH, AePS, NFS, e-RUPI और IMPS पर आधारित होते हैं। ऐसे में इनके लिए आरबीआई की मंजूरी आसान हो जाती है। एनपीसीआई को सरकार और आरबाई से करीबी का फायदा मिलता है। अपने सेगमेंट में मोनोपोली होने के कारण एनपीसीआई को सभी दूसरी पेमेंट की तुलना में काफी ज्यादा मुनाफा होता है। इस गैर-लाभकारी संगठन एनपीसीआई को मार्च 2022 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 773 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था जो सालाना आधार पर 84 फीसदी ज्यादा था।

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अभी तक कंपनी के वित्त वर्ष 2023 के नतीजों सार्वजनिक नहीं किया गया है। कंपनी मुताबिक वित्त वर्ष 2022 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू 1629 करोड़ रुपये था। इससे पता चलता है कि इस अवधि में कंपनी का मार्जिन 47 फीसदी से ज्यादा था। जबकि देश की अधिकांश पेमेंट फिनटेक कंपनियां अभी भी घाटे में हैं। भुगतान सर्विसेज से होने वाली आय एनपीसीआई के ऑपरेटिंग रेवेन्यू का 96.1 फीसदी है। हालांकि कुछ पेमेंट गेटवे कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन वे सभी मिलकर भी एनपीसीआई के मुनाफे की बराबरी नहीं कर पाएंगी। इसको देखते हुए PhonePe के सह-संस्थापक, समीर निगम ने कहा कि पेमेंट में हाइएस्ट प्रॉफिट पूल अभी भी NPCI के पास है।

यूपीआई के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर फोकस

बताते चलें की एनपीसीआई का मालिकाना हक बैंकों और दूसरी भुगतान कंपनियों के पास है। एक गैर-लाभकारी संगठन होने के नाते, एनपीसीआई ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट बनाने और अधिक फीचर्स जोड़ने के लिए अपने सभी मुनाफे का निवेश कर रही है। हाल के दिनों में ये संगठन ऑफ़र और पार्टनरशिप के जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड के दायरे का विस्तार करने और यूपीआई के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर फोकस कर रहा है।

 यूपीआई  जल्द ही  मास्टरकार्ड को छोड़ सकता है पीछे

एनपीसीआई का सबसे सफल प्रोडक्ट यूपीआई है। यह जल्द ही मास्टरकार्ड के डेली ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 440 मिलियन को पीछे छोड़ सकता है। UPI एक दिन में लगभग 340 मिलियन लेनदेन करता है। दुनिया का सबसे बड़ा कार्ड नेटवर्क, वीज़ा, प्रति दिन औसतन 750 मिलियन लेनदेन करता है। ये कंपनियां 200 से ज्यादा देशों में काम करती हैं, जिनमें से कई भारत से कहीं ज्यादा धनी हैं। इसके अलावा ये कंपनियां लगभग 60 साल से अधिक समय से मौजूद हैं। वहीं, यूपीआई ने आठ साल से भी कम समय में यह उपलब्धि हासिल की है।

समानांतर घरेलू भुगतान प्रणाली का होना जरूरी

एनपीसीआई ने अपने तमाम प्रोडक्ट के साथ, न केवल भारत के पेमेंट सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव और डिजिटलीकरण किया है, बल्कि इसने फिनटेक कंपनियों के लिए एर बढ़िया इकोसिस्टम भी बनाया है। सरकार विकासशील देशों में भी सद्भावना मिशन के तहत इस तरह की भुगतान प्रणाली विकसित करने में सहायता कर रही है। बता दें कि वीज़ा और मास्टरकार्ड जैसे अमेरिकी नेटवर्क का इस्तेमाल करने से रूसी भुगतान प्रणालियों की हालिया नाकाबंदी ने हर देश को यह एहसास कराया है कि अपने अस्तित्व के लिए एक समानांतर घरेलू भुगतान प्रणाली महत्वपूर्ण है।

इसके लिए एनपीसीआई को धन्यवाद जिसकी वजह भारत के पास भुगतान टेक्नोलॉजी के बुनियादी ढांचे के साथ ऐसे किसी भी वित्तीय आपदा का सामना करने की क्षमता है। इसके साथ ही हमारी टेक्नोलॉजी विदेशों में उपयोग में आने वाली टेक्नोलॉजी से बेहतर है। इसके चलते ही एनपीसीआई ने क्राउन ज्वेल का खिताब अर्जित किया है।

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Tags: #UPI

First Published: Sep 07, 2023 6:00 PM

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