Varuna Drone: इंसानों को लेकर उड़ने वाला देश का पहला ड्रोन 'वरुण' तैयार, जल्द ही नौसेना में होगा शामिल

Varuna देश का पहला मानव ले जाने वाला ड्रोन है। इसे भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग द्वारा विकसित किया गया है। इसे जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा

अपडेटेड Oct 05, 2022 पर 10:31 AM
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पुणे में स्थित भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इसे तैयार किया है

भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पहली बार इंसानों को लेकर उड़ने वाला वरुण नामक एक ड्रोन  (Varuna Drone) तैयार किया गया है। भारतीय नौसेना जल्द ही पुणे में स्थित भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित "वरुण" को शामिल करेगी।

भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, "ड्रोन 'वरुण' देश का पहला मानव ले जाने वाला ड्रोन है। इसे भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग द्वारा विकसित किया गया है। इसे जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।"

पुणे के चाकन स्थित सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 'वरुण' का डिजाइन और निर्माण किया है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, निर्माताओं का दावा है कि यह ड्रोन एक स्टैंडर्डज़ेड पेलोड अटैचमेंट के साथ तरल पदार्थ, उपकरण और मानव सहित सामान ले जा सकता है।


क्या है खास?

इस यात्री ड्रोन को दूर से नियंत्रित या पूर्व निर्धारित मार्गों के साथ स्वचालित रूप से उड़ाया जाता है। अपने लैंडिंग गियर के बीच के क्षेत्र में कई प्रकार के पेलोड धारण कर सकता है। यह 130 किलोग्राम तक के पेलोड ले जाने की क्षमता रखता है। यह ड्रोन केवल 30 मिनट में 25 किमी की दूरी तय कर सकता है।

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सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के संस्थापक कैप्टन निकुंज पाराशर ने अपने दो सह-संस्थापक बब्बर और लक्ष्य डांग के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए ड्रोन डिजाइन किया है। इस ड्रोन का एकमात्र उद्देश्य एक स्वदेशी तकनीक विकसित करना है जिसे युद्ध के मैदान में जवानों की सुरक्षा के लिए इनक्यूबेट और फील्ड किया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, इससे राष्ट्र की निगरानी और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है। यह यात्री ड्रोन सड़क दुर्घटनाओं के मामले में कमी लाने में काफी मदद करेगी। इसके अलावा दूरदराज के गांवों में एयर एम्बुलेंस के रूप में उपयोग, मेट्रो शहरों में हवाई टैक्सी के रूप में उपयोग, इमरजेंसी स्थित में उपयोग सहित आपदा राहत और मेडिकल आपात स्थिति में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Oct 05, 2022 10:29 AM

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