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जब दो दशक पहले रतन टाटा ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा था, Narendra Modi will be one of the jewels in India’s crown!

टाटा समूह के मानद (एमेरिटस) चेयरमैन रतन टाटा का बीती रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। अपने व्यक्तित्व और सिद्धियों से से देश- दुनिया में अमिट छाप छोड़ने वाले रतन टाटा को भारत ने अपने दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तो उनके निजी रिश्ते थे। पिछले दो दशकों में रतन टाटा ने जहां नरेंद्र मोदी की खुले दिल से दर्जनों बार तारीफ की थी, वही मोदी भी रतन टाटा का अत्यंत सम्मान करते थे। दोनों के बीच के गहरे रिश्ते की शुरुआत हुई थी 2004 में, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और रतन टाटा देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह के अध्यक्ष

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड Oct 10, 2024 पर 11:29 AM
जब दो दशक पहले रतन टाटा ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा था, Narendra Modi will be one of the jewels in India’s crown!
मोदी और रतन टाटा के बीच प्रगाढ़ रिश्तों की सार्वजनिक शुरुआत 2004 की उस शाम जो हुई, वो साल दर साल प्रगाढ़ होती गई

रतन टाटा नहीं रहे। जेआरडी टाटा से 25 मार्च 1991 को टाटा समूह की कमान लेकर इसे अगले तीन दशकों में नई उंचाइयों पर पहुंचाने वाले दमदार उद्योगपति के तौर पर रतन टाटा की पहचान रही है। कॉरपोरेट इंडिया के इस बड़े सितारे की सेहत बिगड़ने, गंभीर होने की अटकलें पिछले कई दिनों से लग रही थीं, लेकिन करोड़ों शुभचिंतक ये मानकर चल रहे थे कि अपने जीवन में बड़ी- बड़ी कॉरपोरेट और निजी चुनौतियों को पार पाने में सफल रहे रतन टाटा इस बार भी स्वास्थ्य मोर्चे की चुनौती को पार कर लेंगे, लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। रतन टाटा इस दुनिया को अलविदा कह गये, बुधवार की देर रात। जिस मुंबई में 28 दिसंबर 1937 को जन्म हुआ था रतन टाटा का, उसी मुंबई में नौ अक्टूबर 2024 की रात उनका देहांत हो गया, करीब 87 साल की उम्र में।

कॉरपोरेट इंडिया में फर्स्ट सिटिजन का दर्जा हासिल रहा है टाटा ग्रुप और इसकी अगुआई करने वाले उद्यमियों को। समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा से जो सिलसिला शुरु हुआ, उसे रतन टाटा ने भी अपनी कामयाबी और योगदान के जरिये जारी रखा। रतन टाटा की पहचान सिर्फ एक उद्योगपति के तौर पर ही नहीं, उस व्यक्ति के तौर पर रही, जिसने उद्योग- जगत से आगे निकल कर पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता सहित कई क्षेत्रों में बड़ा काम किया, करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर करने का प्रयास किया। टाटा समूह की पहचान भी इसी तौर पर रही है, जिसकी शुरुआत टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने की और रतन टाटा ने भी इसे बखूबी निभाया, इस सिलसिले को आगे बढ़ाया।

पीएम मोदी ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

रतन टाटा के इस दुनिया से जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई है। एक्स पर अपनी श्रद्धांजलि में मोदी ने रतन टाटा के साथ अपने दशकों पुराने रिश्तों को याद किया है और उन्हें वो विजनरी बिजनेस लीडर करार दिया है, जिसने न सिर्फ टाटा समूह को मजबूत नेतृत्व दिया, बल्कि बोर्डरुम से बाहर भी तमाम क्षेत्रों में अपने योगदान की वजह से करोड़ों भारतीयो के दिल में अपने लिए खास जगह बनाई। मोदी ने अपने मुख्यमंत्री काल से लेकर प्रधानमंत्री के तौर पर पिछले दस वर्षों में देश की अगुआई करने के दौरान रतन टाटा से होने वाली तमाम सुखद मुलाकातों का भी जिक्र किया है।

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