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Aequs IPO: एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एक्वस ने SEBI को दाखिल किए IPO दस्तावेज, $200 मिलियन जुटाने का है लक्ष्य

IPO News: एक्वस ने गोपनीय प्री-फाइलिंग रूट का विकल्प चुना है, जो इसे DHRP के तहत आईपीओ डेटा के पब्लिक में आने को बाद के चरणों तक रोकने की अनुमति देता है। यह रूट उन भारतीय फर्मों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो अपने आईपीओ प्लान में रेसिलिएंस चाहते है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jun 03, 2025 पर 7:28 PM
Aequs IPO: एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एक्वस ने SEBI को दाखिल किए IPO दस्तावेज, $200 मिलियन जुटाने का है लक्ष्य
कंपनी की वित्त वर्ष 2024 में कुल आय करीब ₹988 करोड़ थी

Aequs IPO: एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एक्वस ने करीब $200 मिलियन जुटाने के लक्ष्य से SEBI के पास गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग के माध्यम से DHRP दाखिल किया है। कंपनी ने मंगलवार को एक सार्वजनिक घोषणा में बताया कि उसने सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के पास गोपनीय आधार पर आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) प्री-फाइल किया है।

बता दें कि एक्वस प्रिसिजन इंजीनियरिंग, मशीनिंग, शीट मेटल फैब्रिकेशन और एयरोस्ट्रक्चर असेंबली में एक्स्पर्टीज रखती है। यह भारत की पहली प्रेसिजन इंजीनियरिंग SEZ में से एक है और भारत में सबसे बड़ी मशीनिंग फैसिलिटी में से एक है। एक्वस एयरोस्पेस वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग के लिए प्रिसिजन इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करता है।

क्या होगा IPO का स्वरूप?

कंपनी के DRHP से ये पता चलता है कि, इस IPO में इक्विटी शेयरों के साथ OFS भी होगा। इस IPO के प्रबंधन के लिए कंपनी ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल और आईआईएफएल कैपिटल को नियुक्त किया है। एक्वेस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने हाल ही में अपनी स्थिति को एक निजी इकाई से सार्वजनिक कंपनी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कंपनी के संस्थापक और सीईओ अरविंद मेलिगिरी को एयरोस्पेस सेगमेंट में दशकों का अनुभव है और वह क्वेस्ट ग्लोबल इंजीनियरिंग के सह-संस्थापक भी रहे हैं।

वित्तीय मोर्चे पर कंपनी की वित्त वर्ष 2024 में कुल आय करीब ₹988 करोड़ थी। कुल परिचालन आय ₹970 करोड़ थी।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट का बढ़ता चलन

एक्वस ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग का विकल्प चुना है, जो इसे बाद के चरणों तक DRHP के तहत आईपीओ विवरण के सार्वजनिक प्रकटीकरण को रोकने की अनुमति देता है। यह रूट भारतीय फर्मों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है, जो अपनी आईपीओ योजनाओं में लचीलेपन का लक्ष्य रख रही हैं।

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