Delhivery vs Ecom Express: ईकॉम एक्सप्रेस के आईपीओ ड्राफ्ट में गलत आंकड़े, डेल्हीवरी ने गिनाई एक-एक खामियां

Delhivery vs Ecom Express: सॉफ्टबैंक के निवेश वाली और घरेलू मार्केट में लिस्टेड डेल्हीवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस के आईपीओ ड्राफ्ट के आंकड़ों को गलत बताया है। ईकॉम एक्सप्रेस आईपीओ लाने वाली है जिसका ड्राफ्ट पिछले महीने अगस्त में फाइल हुआ था। इसमें डेल्हीवरी से जो तुलना की गई है, उसे लेकर डेल्हीवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस पर निशाना साधा है? जानिए क्या है डेल्हीवरी की शिकायतें?

अपडेटेड Sep 13, 2024 पर 7:53 PM
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Delhivery vs Ecom Express: लॉजिस्टिक्स सेक्टर की यूनिकॉर्न डेल्हीवरी का आरोप है कि उसकी प्रतिद्वंद्वी ईकॉम एक्सप्रेस ने अपने आईपीओ के ड्राफ्ट में गलत आंकड़े पेश किए हैं।

Delhivery vs Ecom Express: लॉजिस्टिक्स सेक्टर की यूनिकॉर्न डेल्हीवरी का आरोप है कि उसकी प्रतिद्वंद्वी ईकॉम एक्सप्रेस ने अपने आईपीओ के ड्राफ्ट में गलत आंकड़े पेश किए हैं। ईकॉम एक्सप्रेस आईपीओ ला रही है और इसका ड्राफ्ट बाजार नियामक सेबी के पास फाइल हो चुका है। अब डेल्हीवरी का कहना है कि ईकॉम एक्सप्रेस ने आईपीओ का जो ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया है, उसमें दोनों कंपनियों के शिपमेंट वॉल्यूम, प्रॉफिटेबिलिटी और कैपेसिटी के आंकड़े गलत दिए हुए हैं। डेल्हीवरी ने यह आरोप एक्सचेंज फाइलिंग में लगाया है। इसमें डेल्हीवरी का कहना है कि दोनों कंपनियों की तुलना ही नहीं हो सकती है।

Delhivery vs Ecom Express: क्या कहना है डेल्हीवरी का?

अगर कोई पैकेज डिलीवर नहीं होता है और यह वापस आ जाता है तो भी डेल्हीवरी इसे एक ही शिपमेंट गिनता है लेकिन ईकॉम एक्सप्रेस इसे दो शिपमेंट मानता है क्योंकि ईकॉम एक्सप्रेस के मुताबिक आने-जाने का अलग-अलग बिल बनता है। इसके चलते ही ईकॉम एक्सप्रेस के आईपीओ ड्राफ्ट में यह शिपमेंट के मामले में डेल्हीवरी से कुछ ही पीछे दिख रही है। ड्राफ्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में डेल्हीवरी का शिपमेंट वॉल्यूम 74 करोड़ था और ई-कॉम एक्सप्रेस का 51.4 करोड़। डेल्हीवरी का कहना है कि जब दोनों के शिपमेंट गिनने के तरीके में फर्क है तो जाहिर सी बात है इन आंकड़ों की तुलना भी नहीं की जा सकती है। डेल्हीवरी के मुताबिक आमतौर पर 14-18 फीसदी शिपमेंट वापस होने का इंडस्ट्री एवरेज लें तो ईकॉम एक्सप्रेस की शिपमेंट 45 करोड़ के आस-पास बैठेगी।


अब डेल्हीवरी के मुताबिक इससे ड्राफ्ट में प्रति शिपमेंट लागत (CPS) का भी तुलनात्मक आंकड़ा बदल जाएगा। ईकॉम के मुताबिक इसका कैलकुलेशन कारोबार की सीधी लागत से है। इसे किसी वित्त वर्ष या अवधि में कुल लागत में से कॉरपोरेट खर्च और वेयरहाउस के खर्च को काटकर फिर उसे शिपमेंट की कुल संख्या से भाग देकर निकाला जाता है। अब डेल्हीवरी का कहना है कि शिपमेंट वॉल्यूम को ईकॉम एक्सप्रेस ने अपने कैलकुलेशन में सीधे ही बढ़ा हुआ दिखाया है तो इससे प्रति शिपमेंट लागत कम हो जाएगी। डेल्हीवरी का कहना है कि शिपमेंट के उसके कैलकुलेशन के हिसाब से ईकॉम एक्सप्रेस का प्रति शिपमेंट लागत करीब 7 रुपये यानी 15 फीसदी बढ़ जाएगी।

डेल्हीवरी ने आगे कहा कि दोनों कंपनियों के सर्विस EBITDA की तुलना करना भी गलत है क्योंकि इसका कैलकुलेशन अंदरूनी तरीके से किया जाता है। ऐसे में ईकॉम एक्सप्रेस को यह नहीं पता कि डेल्हीवरी का कॉरपोरेट कॉस्ट कितना है तो इसका सर्विस EBITDA निकाला नहीं जा सकता है।

Ecom Express IPO की डिटेल्स

पार्टनर्स ग्रुप और ब्रिटिश इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट के निवेश वाली ईकॉम एक्सप्रेस की योजना आईपीओ के जरिए 2600 करोड़ रुपये जुटाने की है। इसने 15 अगस्त को सेबी के पास आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल किया था। इस आईपीओ के तहत 1,284.5 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने की योजना है। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत मौजूदा निवेशक 1,315.5 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री कर सकते हैं।

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First Published: Sep 13, 2024 5:01 PM

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