FirstCry IPO: आईपीओ के लिए ड्राफ्ट दाखिल करने के करीब 10 दिन पहले फर्स्टक्राई के फाउंडर और एमडी-सीईओ सुपम माहेश्वरी (Supam Maheshwari) ने इसमें अपनी हिस्सेदारी हल्की की थी। उन्होंने इसके 62 लाख शेयर बेचे हैं। इसका खुलासा बाजार नियामक के पास दाखिल आईपीओ के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) से हुआ है। सुपम ने ये शेयर 487.44 रुपये के अधिकतम भाव पर बेचे थे और इस अधिकतम भाव के हिसाब से उन्होंने 300 करोड़ के शेयर बेचे हैं। अब आईपीओ के तहत भी वह कंपनी के शेयर बेचेंगे। उनके पास आईपीओ ड्राफ्ट फाइल करने के 10 दिन पहले तक 35,097,831 शेयर थे जो कंपनी में 7.46 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर थी। अब शेयरों की बिक्री के बाद उनके पास 28,893,347 शेयर रह गए जो 5.95 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है।
IPO के प्राइस से कितना है भाव में फर्क
ड्राफ्ट में मुहैया कराई गई डिटेल्स के मुताबिक दिसंबर में फर्स्टक्राई के जो शेयर बिके हैं, वह करीब 23700 करोड़ के वैल्यूएशन पर यानी प्रति शेयर 487.44 रुपये के भाव पर हुई है। अब अनुमान के मुताबिक फर्स्टक्राई का आईपीओ 350 करोड़-375 करोड़ डॉलर (29100 करोड़-31179 करोड़ रुपये) के वैल्यूएशन पर आ सकता है। इसके अपर रेंज के हिसाब से यह दिसंबर में शेयरों की बिक्री के भाव से करीब 31 फीसदी प्रीमियम पर होगा।
6 महीने में बेचे 93 लाख शेयर
आईपीओ ड्राफ्ट के मुताबिक सुपम माहेश्वरी ने फाइलिंग से दस दिन पहले 62 लाख शेयर बेचे तो करीब छह महीने में इसके 93.4 लाख शेयर बेचे थे। 487.44 रुपये के भाव पर शेयरों का यह लेन-देन 455 करोड़ रुपये से अधिक का पड़ा। इस ड्राफ्ट से यह भी खुलासा हुआ कि 27 दिसंबर के जिस दिन कंपनी ने फर्स्टक्राई के आईपीओ के लिए आवेदन किया था, उस दिन एक बोर्ड रिजॉल्यूशन ने कंपनी के ESOP ट्रस्ट को 243 रुपये के भाव पर 1.49 करोड़ शेयर ट्रांसफर किए थे।
मनीकंट्रोल से बातचीत में एक यूनिकॉर्न के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ने कहा कि ESOP ट्रस्ट को इस प्रकार से शेयरों का ट्रांसफर आईपीओ की अगुवाई में प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग कम करने या विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) से जुड़े नियमों के पालन के लिए विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी कम करने का तरीका है।
फर्स्टक्राई में कंपनी के सीईओ की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 के आखिरी में 5 फीसदी यानी 37 लाख शेयरों की थी। इसके बाद वित्त वर्ष 2022 के आखिरी में यह बढ़कर 7 फीसदी और 1.52 करोड़ शेयरों तक पहुंच गई और फिर वित्त वर्ष 2023 में यह बढ़कर 9 फीसदी यानी 3.82 करोड़ शेयरों तक पहुंच गई। शेयरों की संख्या में यह उछाल शेयरों के हिस्सो में टूटने और कुछ एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस (ESOPs) के तहत शेयर मिलने के चलते आई। वित्त वर्ष 2022 में उन्हें ESOP के तहत 1.48 करोड़ शेयर मिले थे।
आईपीओ ड्राफ्ट के मुताबिक फर्स्टक्राई के फाउंडर को वित्त वर्ष 2023 में 200 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022 में 29 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 14 करोड़ का रेम्यूनेरेशन मिला था। इसमें शॉर्ट टर्म एंप्लॉमेंट बेनेफिट्स और शेयर-बेस्ड पेमेंट्स एक्रूअल शामिल है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सुपम माहेश्वरी का रेमेन्यूरेशन 26 करोड़ रुपये था।
आईपीओ के जरिए फर्स्टक्राई का लक्ष्य 1816 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसके तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), सॉफ्टबैक, प्रेमजी इनवेस्ट, टीपीजी, न्यूक्वेस्ट समेत कंपनी के कुछ निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के जरिए 5.4 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसका घाटा और बढ़ा है और बढ़कर यह 79 करोड़ रुपये से 486 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।