Hyundai Motor IPO: हुंडई मोटर देश का सबसे बड़ा आईपीओ ला रही है। इससे पहले यह रिकॉर्ड देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के नाम पर था। इसके आईपीओ का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, लेकिन अब जब कंपनी ने 28 हजार करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड फिक्स किया तो दो ही हफ्ते में ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम 75 फीसदी से अधिक टूट गया। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से आईपीओ में निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए। ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम यानी GMP दो हफ्ते में यानी सितंबर के आखिरी दिनों में 570 रुपये से गिरकर 9 अक्टूबर 140-145 रुपये की रेंज में आ गई।
Hyundai India IPO: प्रमुख डिटेल्स
हुंडई मोटर का ₹27,870.16 करोड़ के आईपीओ में ₹1865-₹1960 के प्राइस बैंड और 7 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 186 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। सब्सक्रिप्शन के लिए यह इश्यू 15-17 अक्टूबर के बीच खुलेगा। एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू 14 अक्टूबर को खुलेगा जिनके लिए 8,315.28 करोड़ रुपये के शेयर आरक्षित हैं। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 22 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।
इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 14,21,94,700 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत जारी होंगे और ये शेयर इसकी पैरैंट कंपनी बेचेगी। ये शेयर कंपनी की 17.5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं। चूंकि यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है तो इस इश्यू का कोई भी पैसा हुंडई मोटर इंडिया को नहीं बल्कि शेयर बेचने वाली पैरेंट कंपनी को मिलेगा।
Hyundai Motor India के सीओओ को दिख रही अच्छी ग्रोथ
हुंडई मोटर इंडिया ने भारत में 1996 में कारोबार शुरू किया था और यह कई सेगमेंट में 13 कार मॉडल की बिक्री करती है। अब यह लिस्ट होने जा रही है और 2003 में मारुति सुजुकी की लिस्टिंग के बाद से यह पहली बार है, जब देश में कोई कार कंपनी लिस्ट होने जा रही है। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) तरुण गर्ग को इसके ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश दिख रही है। बुधवार की सुबह उन्होंने कहा था कि विदेशी कंपनियों की हुंडई इंडिया जैसी भारतीय इकाईयों की वैल्यू आमतौर पर अधिक होती है क्योंकि यहां खपत और ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत होती हैं।
हुंडई मोटर इंडिया का P/E रेश्यो 27x है जबकि इसकी पैरेंट कंपनी हुंडई मोटर कंपनी का 5x है। वित्तीय मोर्चे पर बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसे 28.7 फीसदी अधिक 6060 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इस दौरार रेवेन्यू भी 15.8 फीसदी उछलकर 69,829 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। Aequitas Investments के एक नोट के मुताबिक हुंडई मोटर इंडिया की पैरेंट कंपनी के वैश्विक रेवेन्यू में महज 6.5 फीसदी और मुनाफे में 8 फीसदी ही हिस्सेदारी है लेकिन लिस्टिंग के बाद पैरेंट कंपनी के मार्केट कैप में इसकी हिस्सेदारी करीब 42 फीसदी होगी।
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