IPOs in FY2023: यह वित्त वर्ष अब लगभग समाप्त हो चुका है। इस वित्त वर्ष 2022-23 में कमजोर मार्केट सेंटिमेंट ने कंपनियों के आईपीओ प्लान को भी काफी हद तक प्रभावित किया, हालांकि स्थिति इतना भी बुरी नहीं है। 2022-23 में 37 भारतीय कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए 52116 करोड़ रुपये जुटाए जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले आधे से भी कम रहा। पिछले वित्त वर्ष भारतीय कंपनियों ने 53 आईपीओ के जरिए रिकॉर्ड 1,11,547 करोड़ रुपये जुटाए थे। रिसर्च फर्म प्राइम डेटाबेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बावजूद आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने के मामले में यह वित्त वर्ष तीसरा सबसे बड़ा रहा। हालांकि 2022-23 में LIC ने अकेले आईपीओ के जरिए 20,557 करोड़ जुटाए थे, ऐसे में अगर इसे निकाल दें तो कंपनियों ने इस बार महज ₹31,559 करोड़ जुटाए।
LIC और Delhivery के IPOs सबसे बड़े
इस वित्त वर्ष में सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी ने लाया। इसके बाद डेल्हीवरी का 5235 करोड़ रुपये और ग्लोबल हेल्थ का 2206 करोड़ रुपये सबसे बड़ा रहा। अब अगर आईपीओ के टाइमिंग की बात की जाए तो 37 में से 25 आईपीओ सिर्फ तीन महीने मई, नवंबर और दिसंबर में आए थे। आईपीओ के जरिए सबसे कम पैसे इसी मार्च 2023 में जुटाया गया जो नौ साल में सबसे कम है। वहीं नए दौर की टेक कंपनियों के आईपीओ भी इस बार कम आए। पिछले वित्त वर्ष में पांच ऐसी कंपनियों के 41733 करोड़ रुपये के इश्यू आए थे लेकिन इस बार नए दौर की सिर्फ दो कंपनियों, डेल्हीवरी और ट्रैक्शन के आईपीओ आए।
खुदरा निवेशकों का फीका रिस्पांस
रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में आईपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों का रुझान फीका रहा। इस वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों ने औसतन 5.64 लाख एप्लीकेशन बिड किए जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 13.32 लाख और 2020-21 में 12.73 लाख था।
लिस्टिंग गेन ने किया निराश
रिपोर्ट के मुताबिक इस वित्त वर्ष लिस्टिंग के दिन क्लोजिंग भाव के हिसाब से लिस्टिंग गेन गिरकर 9.74 फीसदी पर आ गया। 2021-22 में यह 32.59 फीसदी और 2020-21 में 35.68 फीसदी पर था। इस वित्त वर्ष 36 कंपनियां एनएसई-बीएसई पर लिस्ट हुई हैं और इसमें से सिर्फ 16 ने 10 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है और सबसे अधिक 49 फीसदी DCX Systems ने दिया है। इसके बाद हर्षा इंजीनियर्स ने 47 फीसदी और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट ने 43 फीसदी। 24 मार्च 2023 की क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से 36 में से 21 आईपीओ इश्यू प्राइस के ऊपर ट्रेड हो रहे हैं।