IPO Market: यह साल समाप्ति की ओर है और इस साल 2023 में मार्केट ने न सिर्फ रिकॉर्ड संख्या में खुदरा निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित किया बल्कि कई प्रमोटर्स भी अपनी कंपनियों को लिस्ट करने की होड़ में आ गए। इस साल मेनबोर्ड यानी BSE और NSE पर जितनी कंपनियों की लिस्टिंग हुई, संख्या के मामले में वह दस साल में दूसरे नंबर पर है। लिस्टिंग का यह रुझान अभी थमने वाला नहीं है और नए साल 2024 में करीब 60000 करोड़ के आईपीओ लाइन में हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि मजबूत आर्थिक विकास, पर्याप्त लिक्विडिटी, वैश्विक केंद्रीय बैंकों की ओर से दर में कटौती के आसार और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले मौजूदा सरकार के जारी रहने की उम्मीद के कारण यह उत्साह फिलहाल जारी रहने की संभावना है।
इस साल 57 कंपनियों ने IPO से जुटाए 49 हजार करोड़
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए 57 कंपनियों ने करीब 57 हजार करोड़ रुपये जुटाए। इसके अलावा 27 कंपनियों को बाजार नियामक सेबी से 29 हजार करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिल चुकी है। वहीं 29 और कंपनियां 34 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से मंजूरी का इंतजार कर रही है। हालांकि इस साल सेबी के पास करीब 80 कंपनियों ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट फाइल किया था जो पिछले दो साल के मुकाबले कम ही है।
2024 में इन बड़ी कंपनियों के आईपीओ की है उम्मीद
इस साल आईपीओ मार्केट काफी गुलजार रहा और दिग्गज कंपनियों के आईपीओ आए जैसे कि टाटा ने करीब 19 साल बाद अपनी कंपनी का आईपीओ लाया और टाटा टेक लिस्ट हुआ। अब अगले साल की बात करें तो ओला इलेक्ट्रिक, स्विगी और फर्स्टक्राई जैसी दिग्गज कंपनियों के आईपीओ का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये तीनों कंपनियां करीब 4000-4000 करोड़ रुपये के आईपीओ ला सकती हैं। इसके अलावा एबिक्सकैश, टाटा प्ले, इंडेजीन, ओरावेल स्टेज (ओयो), गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस और टीबीओ टेक का भी आईपीओ आ सकता है।
IPO Market में क्यों है रौनक
अमेरिकी फेडरल रिजर्व और RBI की तरफ से रेट में कटौती के साथ-साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जीत की संभावना ने मार्केट को तगड़ा सपोर्ट दिया है। इसका आईपीओ मार्केट पर भी पॉजिटिव असर दिख रहा है। TIW Capital के सीईओ मोहित रल्हण का कहना है कि इस साल आईपीओ मार्केट में काफी हलचल रही और अगले भी साल ऐसी स्थिति रहने की उम्मीद है। मोहित के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले निवेशक तेजी से स्टॉक मार्केट की तरफ भाग रहे हैं और इसकी वजह ये है कि आम चुनावों से पहले शेयरों में शानदार तेजी का रुझान रहा है।
निवेशकों के बेहतर सेंटिमेंट को देखते हुए प्राइवेट इक्विटी/वेंचर कैपिटल (PE/VC) फंड्स बहुत एक्टिव हैं और वे अपने एसेट्स को मोनेटाइज करने की सोच रहे हैं। मौजूदा बुलिश सेंटिमेंट को देखते हुए वे आईपीओ या बल्क डील्स के जरिए अपना मुनाफा निकालने की स्ट्रैटेजी पर काम कर रहे हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि अगले साल मैनुफैक्चरिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे पारंपरिक सेक्टर्स में आईपीओ एक्टिविटी काफी मजबूत रहेगी।
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